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जयपुरः पूर्व CM वसुंधरा के घर पहुंचे बैंड वाले, फिल्मी गानों के धुन के जरिए किया धन्यवाद

वसुंधरा राजे के निवास से जारी मीडिया बुलेटिन में कहा गया कि वसुंधरा राजे को बैंड वादकों ने सुनाया,‘रुक जाना नहीं तू कहीं हार के, कांटों पे चलके मिलेंगे साये बाहर के’. इन कलाकारों ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में 2013 में निकली सुराज संकल्प यात्रा के गीत ‘आओ साथ चले’ की धुन भी बजाई.

वसुंधरा राजे के घर बैंड वालों ने बजाई फिल्मी गानों की धुन (फोटो-शरत) वसुंधरा राजे के घर बैंड वालों ने बजाई फिल्मी गानों की धुन (फोटो-शरत)
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 07 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:10 AM IST
  • पिछले दिनों वसुंधरा ने CM गहलोत को लिखा था पत्र
  • पत्र के जरिए बैंड वालों के लिए शादी में छूट देने की मांग की
  • 'बैंड वादक, घोड़ी वाले, हलवाई, डेकोरेशन वालों को मिले छूट'

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की वरिष्ठ नेता और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को ऑल ब्रास बैंड सोसाइटी के धन्यवाद कार्यक्रम के जरिए अपने कार्यकर्ताओं और जनता को राजनीतिक संदेश दिया है, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. बैंड वालों ने वसुंधरा के घर जाकर फिल्मी गानों की धुन बजाकर उनको अपने सुरीले अंदाज में धन्यवाद भी दिया.

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दरअसल, वसुंधरा राजे सिंधिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखकर कहा था कि बारात में 100 लोगों की सीमा से बैंड वालों को दूर रखा जाए क्योंकि इनके रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो सकता है. जिसके लिए राजस्थान ब्रास बैंड एसोसिएशन के कलाकार बैंड बाजे के साथ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निवास पर पहुंचे और वहां गानों की धुन पर वसुंधरा का धन्यवाद किया.

वसुंधरा राजे के निवास से जारी मीडिया बुलेटिन में कहा गया कि वसुंधरा राजे को बैंड वादकों ने सुनाया,‘रुक जाना नहीं तू कहीं हार के, कांटों पे चलके मिलेंगे साये बाहर के’. इन कलाकारों ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में 2013 में निकली सुराज संकल्प यात्रा के गीत ‘आओ साथ चले’ और फिल्म ‘मैं हूं ना’ का गीत ‘किसका है ये तुमको इंतजार मैं हूं ना, देख लो इधर तो एक बार मैं हूं ना’ भी सुनाया.

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अभी हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख कर मांग की थी कि बैंड वादक, घोड़ी वाले, हलवाई और डेकोरेशन वालों को कोविड-19 के लिए सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के कारण पिछले 9 महीने से बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि ऐसे आयोजन इन लोगों के बिना संभव नहीं हैं.

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उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि ये लोग रोजगार छिनने के कारण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं. इसलिए इन्हें शादी ब्याह और धार्मिक आयोजनो में भाग लेने की तय संख्या के अतिरिक्त अनुमति दी जाए. उनकी संख्या शादी में भाग लेने वाले वर-वधु पक्ष के 100 लोगों से अलग रखी जाए.

पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने सीएम गहलोत से यह भी मांग रखी है कि इस संबंध में सरकार शीघ्र आदेश जारी करे ताकि ये गरीब तबका अपना और अपने परिवार का पेट भर सकें और इनकी कला जिंदा रह सकें.

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