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लखनऊः कोरोना मरीजों के बेड के पास लगे CCTV, डॉक्टर कर रहे मॉनिटरिंग

कोरोना से जूझ रहे मरीजों की पल-पल की मॉनिटरिंग के लिए लोहिया के कोविड-19 अस्पताल में 140 बेड की सुविधा है. उन सभी बेडों पर अस्पताल प्रशासन की ओर से कैमरे लगवाए गए हैं, जिससे मरीजों की सघन मॉनिटरिंग की जा सके.

लखनऊ के लोहिया अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए लगे कैमरे लखनऊ के लोहिया अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए लगे कैमरे
सत्यम मिश्रा
  • लखनऊ,
  • 24 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 8:25 AM IST
  • लोहिया के कोविड-19 अस्पताल में 140 बेड की सुविधा
  • सभी बेडों पर अस्पताल प्रशासन की ओर से कैमरे लगे
  • कंट्रोल रूम से मरीजों पर रखते हैं नजरः नोडल अधिकारी
  • कंट्रोल रूम में बैठकर डॉक्टर कर रहे सघन मॉनिटरिंग

कोरोना वायरस का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया संस्थान के कोविड-19 अस्पताल में कोरोना से जूझ रहे मरीजों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है, जिसमें उन्हें जब भी डॉक्टरों की आवश्यकता पड़ेगी तो वह उनके लिए हमेशा 24 घंटे हाजिर होंगे.

दरअसल, कोरोना से जूझ रहे मरीजों की पल-पल की मॉनिटरिंग के लिए लोहिया के कोविड-19 अस्पताल में 140 बेड की सुविधा है. उन सभी बेडों पर अस्पताल प्रशासन की ओर से कैमरे लगवाए गए हैं, जिससे मरीजों की सघन मॉनिटरिंग की जा सके. एक एडवांस सॉफ्टवेयर की मदद से कैमरे को मॉनिटर से कनेक्ट किया गया है जो कि कंट्रोल रूम से अटैच है.

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सीसीटीवी कैमरों से मरीजों पर रखी जा रही नजर

राम मनोहर लोहिया कोविड अस्पताल के नोडल अधिकारी श्रीकेश सिंह ने आजतक से बात करते हुए बताया कि कोविड-19 अस्पताल में जो 140 बेड रन कर रहे हैं, और आईसीयू, आइसोलेशन, पीडियाट्रिक विभाग के सारे बेडों पर कैमरा लगाए गए हैं. जिसकी मॉनिटरिंग सेंट्रल कंट्रोल रूम से की जाती है.

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उन्होंने बताया कि अलग-अलग विभाग के अलग-अलग कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. कैमरा लगाने से यह फायदा है कि हम 24 घंटे कोविड-19 के मरीजों पर निगरानी रख सकते हैं. उदाहरण के तौर पर श्रीकेश सिंह ने बताया कि अगर पल्स ऑक्सीमीटर लगा दिया गया है और उसमें पल्स रेट या ऑक्सीजन सैचुरेशन का जो पैरामीटर है, अगर वह कम या ज्यादा होता है तो बीप की आवाज से हम यहां कंट्रोल रूम से बैठे-बैठे देख लेते हैं.

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श्रीकेश सिंह ने आगे बताते हुए कहा कि इससे एक और फायदा है. अगर मरीज किसी सीनियर डॉक्टर से रात के 2 बजे भी संवाद करना चाहता है, तो वह कर सकता है. इससे उसकी मानसिक स्थिति मजबूत रहती है और वह सोचता है कि कभी भी डॉक्टर से वन टू वन कर सकता है.

इन सब चीजों से मरीजों में यह भावना बनी रहती है कि हमें निरंतर 24 घंटे कोई ना कोई देख रहा है और हमारी निगरानी कर रहा है. इससे उसका हौसला भी बढ़ता है और वह सोचता है कि हम सही हाथों में हैं और हमारा इलाज सही ढंग से किया जा रहा है. कैमरा लगाए जाने को लेकर अच्छे रिस्पॉन्स मिल रहे हैं.

लोहिया कोविड हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी ने यह भी बताया कि संभवतः गवर्नमेंट सेक्टर में शायद हमारा ही यह पहला ऐसा संस्थान होगा, जिसमें इस तरीके की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.

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