
कोरोना महामारी के दौरान देश का हेल्थकेयर सिस्टम दबाव में है तो जरूरतमंदों के लिए मदद का हाथ बढ़ाने वालों की भी कमी नहीं है. समाज का हर वर्ग, संगठन, व्यक्तिगत स्तर पर लोग कोविड-19 मरीजों की मदद के लिए जो मुमकिन हो पा रहा है, वो कर रहे हैं. इस आपदा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और इससे जुड़े संगठन भी लोगों को राहत देने में जी-जान से जुटे हैं.
कोरोना के संकट से भारत ही नहीं लगभग पूरा विश्व जूझ रहा हैं. भारत में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप इतना ज्यादा है कि अस्पतालों को बेड्स, ऑक्सीजन, दवाइयों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में RSS से जुड़ा हुआ संगठन सेवाभारती संघ के बाक़ी संगठनों से समन्वय बना कर राहत कार्यों को अंजाम दे रहा है.
संघ के स्वयंसेवक देश भर के अलग अलग ज़िलों में 240 स्थानों पर कोविड अस्पतालों में प्रशासन के साथ मिलकर ड्यूटी दे रहे हैं. संघ की ओर से 43 प्रमुख शहरों में कोविड सेवा केंद्र खोले गए हैं. RSS देश भर में 2442 वैक्सीनेशन सेंटर्स भी चला रहा है. इसके अलावा संघ की ओर से शहर-कस्बों-गांवों में वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में जागरूकता जगाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जा रहे हैं.
संघ की ओर से अपने कोविड सेवा केंद्रों के अलावा सरकारी कोविड सेंटर्स और और अन्य अस्पतालों में भी कोविड मरीजों के इलाज में सहयोग दिया जा रहा है. संघ के कार्यकर्ताओं की ओर से प्लाज्मादान, रक्तदान, अंतिम संस्कार के कार्य, डॉक्टर काउंसलिंग, ऑक्सीजन आपूर्ति, एम्बुलेंस सेवा, भोजन, राशन और मास्क आदि में भी लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है. इसके लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए है.
अभी तक देश भर में संघ के अभियान के तहत लगभग 3000 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने प्लाज़्मा डोनेट किया हैं. इससे कई गंभीर मरीजों की जान बचाने में मदद मिली है. मध्य प्रदेश के इंदौर में नए कोविड-19 केसों की संख्या में तेज बढ़ोतरी को देखते हुए संघ, प्रशासन और राधा स्वामी सत्संग के सहयोग से 2000 बेड्स वाला कोविड केयर सेंटर बनाया गया है.
दिल्ली में सेवाभारती ने दिल्ली के एक बड़े हॉस्पिटल के बाहर प्राणवायु सेवा शुरू की है. इसमें जिन मरीजों को हॉस्पिटल में बेड मिलने में देरी होती हैं तों उन्हें ऑक्सीजन मुहैया कराई जाती हैं. हॉस्पिटल में बेड न मिलने तक कोविड मरीज़ों को घर में ऑक्सीजन सिलेंडर दिए जा रहे हैं.
सेवाभारती ने उत्कर्ष भारत नाम से मोबाइल ऐप बनाया है जो प्लाज़्मा डोनेट करने के इच्छुक लोगों और जिन मरीजों को प्लाज्मा की जरूरत है, उनके लिए साझा मंच उपलब्ध कराता है. किसी मरीज की कोरोना से मृत्यु होती है और उसके परिवार में अन्य सदस्य भी संक्रमित है, तो उसका अंतिम संस्कार कराने में भी संघ के स्वयंसेवकों की ओर मदद की जा रही है. यही स्थिति वहां के लिए भी है जहां मृत्यु होने पर सगे-संबंधी और पड़ोसी भी अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आते.
देश में कई घर ऐसे हैं जहां सभी सदस्य कोरोना से संक्रमित हैं, इन्हें खाना मिलने में भी बड़ी दिक्कत होती है. इसके लिए संघ की से ओर से विभिन्न राज्यों में हेल्पलाइन नंबर के जरिए उन घरों तक खाना पहुंचाया जा रहा है. लॉकडाउन की वजह से होटल-खाने के स्टाल बंद है. ऐसे में संघ से जुड़े संगठनों की ओर से 1500 से ज्यादा स्थानों पर लंगर चलाए जा रहे हैं.
सेवा भारती के अध्यक्ष रमेश अग्रवाल और महासचिव डॉ राम कुमार के मुताबिक देश में जब भी संकट आया है तो संघ के स्वयंसेवकों ने दिन-रात सामाजिक दायित्वों को पूरे मनोयोग से निभाया है. चाहे वो बाढ़ हो, भूकंप हो, स्वयंसेवकों ने आगे बढ़कर जरूरतमंदों तक मदद पहुचाई है. युद्ध के दौरान भी स्वयंसेवक अपनी सामाजिक ड्यूटी निभाने के लिए आगे आए. इसका एक उदाहरण 1962 में चीन से युद्ध के वक्त देश के कई राज्यों में ट्रैफ़िक का संचालन संघ के स्वंयसेवकों ने संभाला था.