
भारत में कोरोना वैक्सीन का इंतजार खत्म होता दिखाई दे रहा है. कोविशील्ड वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी देने की तैयारी चल रही है. माना जा रहा है कि नया साल भारत के लिए वैक्सीन के लिहाज से राहत की खबर लेकर आएगा. हालांकि, शुरुआती दौर में कोविशील्ड वैक्सीन के इमरजेंसी उपयोग को मंजूरी देने की योजना है.
नए साल की आमद के ऐन मौके पर ये भारत के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, ऐसा इसलिए भी क्योंकि भारत को सबसे ज्यादा उम्मीद ऑक्सफोर्ड और AstraZeneca की इसी वैक्सीन से रही है. बता दें कि ऑक्सफोर्ड और AstraZeneca की इस वैक्सीन का नाम AZD1222 है, लेकिन भारत में इस वैक्सीन को Covishield के नाम से तैयार किया जा रहा है.
ऑक्सफॉर्ड की कोरोना वैक्सीन को ब्रिटेन ने मंजूरी दे दी है. भारत में पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट में इस वैक्सीन को बनाया जा रहा है.
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) में बड़े पैमाने पर कोविशील्ड की डोज तैयार की जा रही हैं. भारत में हर डोज की कीमत 500 से 600 रुपये तक हो सकती है. ऑक्सफोर्ड की ये कोरोना वैक्सीन ट्रायल में 90 फीसदी तक प्रभावी रही है. हालांकि, सीरम इंस्टीट्यूट के चीफ अदार पूनावाला का कहना है कि 2-3 महीने के अंतर में अगर दो डोज दी जाएं तो इसका प्रभाव 95 फीसदी तक रहेगा.
जुलाई तक 30 करोड़ डोज होंगी तैयार
सीरम इंस्टीट्यूट को उत्पादन के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी माना जाता है. इसकी स्थापना 1966 में डॉ साइरस एस पूनावाला ने की थी. SII ने निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए कोरोना वैक्सीन की एक अरब डोज की सप्लाई के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के साथ करार किया है. फिलहाल, इस सीरम इंस्टीट्यूट की कमान अदार पूनावाला संभाल रहे हैं. अदार पूनावाला का दावा है कि हम जुलाई 2021 तक लगभग 30 करोड़ खुराक का उत्पादन करेंगे. सीरम का दावा है कि 5 करोड़ डोज तैयार की जा चुकी हैं.
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सीरम की वैक्सीन पोर्टफोलियो में पोलियो, डिप्थीरिया, टेटनस, पर्टसिस, एचआईबी, बीसीजी, आर-हेपेटाइटिस बी, मीजल्स, मम्प्स और रूबेला की वैक्सीन शामिल हैं. कंपनी का अनुमान है कि दुनिया के करीब 65 फीसदी बच्चों को सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कम से कम एक वैक्सीन जरूर लगाई जाती है. डब्ल्यूएचओ से मान्यता प्राप्त इसकी वैक्सीन करीब 170 देशों में पहुंचती है.
कैसे पहुंचेगी वैक्सीन
भारत सरकार ने वैक्सीन लोगों तक पहुंचाने की पूरी तैयारी कर रखी है. सरकार का टारगेट है कि शुरुआत में 30 करोड़ों लोगों को टीका लगाया जाएगा. गुजरात, पंजाब, आंध्र प्रदेश और असम में दो दिवसीय ड्राइ रन भी किया गया है. सरकार ने टीका पाने वाले लोगों का डेटाबेस तैयार कर लिया है. इनमें कोरोना वॉरियर्स समेत 50 साल की उम्र से अधिक के लोग शामिल हैं. इन सभी लोगों को मोबाइल फोन पर SMS के जरिए टीकाकरण की जानकारी दी जाएगी.