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कोरोना: डेल्टा वैरिएंट ने दूसरी लहर में युवाओं पर बरपाया कहर, 13 अस्पतालों की स्टडी

रिपोर्ट बताता है कि दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) की वजह से मरीजों में इंफेक्शन का प्रतिशत ज्यादा था. यह वैरिएंट ना केवल तेजी से फैलने वाला था बल्कि खतरनाक भी था. दूसरी लहर के दौरान मृत्यु दर पहली लहर के मुकाबले 40 प्रतिशत ज्यादा थी.

दूसरी लहर में 40 प्रतिशत ज्यादा मौतें (सांकेतिक फोटो) दूसरी लहर में 40 प्रतिशत ज्यादा मौतें (सांकेतिक फोटो)
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2021,
  • अपडेटेड 9:43 PM IST
  • दूसरी लहर में 40 प्रतिशत ज्यादा मौत
  • युवा पुरुषों की ज्यादा गई जान
  • दूसरी लहर में महिला मृत्यु दर भी बढ़ी

कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में भारी तबाही मचाई. मौत के आंकड़ों की बात करें तो पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में 40 प्रतिशत अधिक मरीजों की मौत हुई. खास बात यह है कि दूसरी लहर में जान गंवाने वाले ज्यादातर युवा थे. मैक्स हेल्थकेयर के नेतृत्व में 13 अस्पतालों ने एक स्टडी कर यह जानने की कोशिश की है कि दूसरी लहर में इतने युवाओं की जान क्यों गई है.

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आंकड़े बताते हैं कि दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में भर्ती होने वाले युवाओं के अंदर वायरस ज्यादा मजबूत थे और इसी वजह से ज्यादा युवाओं की जान गईं. हालांकि दूसरी लहर के दौरान मरीजों में और भी कई महत्वपूर्ण फैक्टर देखे गए हैं. जैसे कि सहरुग्णता, बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन का होना. इन वजहों से भी मृत्यु दर ज्यादा रही.    

रिपोर्ट बताता है कि दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) की वजह से मरीजों में इंफेक्शन का प्रतिशत ज्यादा था. यह वैरिएंट ना केवल तेजी से फैलने वाला था बल्कि खतरनाक भी था. दूसरी लहर के दौरान मृत्यु दर पहली लहर के मुकाबले 40 प्रतिशत ज्यादा थी.

अस्पतालों में भी दूसरी लहर के दौरान 10.5% मृत्यु दर रिकॉर्ड की गई हैं, जबकि पहली लहर में यह 7.2% थी. यह बढ़ा हुआ प्रतिशत पुरुष और महिला दोनों में देखा गया है. पुरुष मृत्यु दर दूसरी लहर में 10.8% जबकि पहली लहर में 7.4% थी. वहीं महिला मृत्यु दर दूसरी लहर में 9.8%  जबकि पहली लहर में 6.8% थी. 

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45 साल से कम उम्र के कोरोना मरीजों की मृत्यु दर देखें तो दूसरी लहर में 4.1% रही, जबकि पहली लहर में 1.3% थी. इस उम्र के लोगों में अस्पताल में भर्ती होने के बाद कोरोना के लक्षण औसतन 7.3 दिन रहा. जबकि पहली लहर के दौरान यह 6.3 था. यानी कि लक्षण भी एक दिन ज्यादा दिनों तक देखा गया है. मृत्यु दर देखें तो पुरुषों में दूसरी लहर के दौरान 4.7% और पहली लहर के दौरान 1.4% थी. वहीं महिला मृत्यु दर दूसरी लहर के दौरान 2.8% और पहली लहर के दौरान 1.0% थी.

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वहीं अगर दूसरे उम्र समूहों में भी देखें तो दूसरी लहर के दौरान मृत्यु दर ज्यादा रही है. 

       उम्र समूह                पहली लहर            दूसरी लहर
      45-59 वर्ष                    5%                     7.6%
      60-74 वर्ष                  12%                   13.8%
          75 वर्ष                  18.9%                  26.9%

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रिपोर्ट के मुताबिक दूसरी लहर के दौरान हुई ज्यादा मौत की कुछ और वजह भी थी. कई मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में देरी हो गई. क्योंकि अस्पतालों के अंदर बेड मौजूद नहीं थे. जो भी मरीज अस्पताल में भर्ती हुए, ज्यादातर की कंडिशन बहुत खराब थी. पहली और दूसरी लहर दोनों का ट्रेंड देखें तो दो तिहाई मरीज, केवल पुरुष थे. जबकि पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में महिला मरीजों का प्रतिशत भी बढ़ा है.  

 

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