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आज का दिन: AMU में मिला नया स्ट्रेन कितना जानलेवा, क्या है स्पूतनिक बांटने का प्लान?

'आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगे क्या है हैप्पी हाइपोक्सिया जिसमें पता भी नहीं चलता और मरीज़ का ऑक्सीजन लेवल गिर जाता है, AMU में मिला नया स्ट्रेन कितना जानलेवा, स्पूतनिक बाँटने का सरकारी प्लान क्या है और कैसे मन रही है ईद.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2021,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST

आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर नितिन ठाकुर किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.

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आहिस्ता से जकड़ता है हैप्पी-हाइपोक्सिया

पिछले साल मार्च की बात है. इंडोनेशिया के एक अस्पताल में बुखार और खांसी के लक्षण के साथ एक कोरोना मरीज आया. बाहरी तौर पर देखने में मरीज़ ठीक ही था. आराम से चल-फिर रहा था, लोगों से बातें कर रहा था और अपने मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था. ब्लड प्रेशर, पल्स और बॉडी टेंपरेचर भी नॉर्मल ही था. कुल मिलाकर उसे कोई खास दिक्कत नहीं थी लेकिन जब डॉक्टर ने चेक किया तो उसका ऑक्सीजन लेवल 77 था. इस स्थिति को हैप्पी-हाइपोक्सिया कहते हैं. कितना ख़तरनाक है ये, क्या लक्षण हैं, क्या बचाव हैं इस बारे में इंडिया टुडे के सीनियर असिस्टेंट एडिटर प्रभाष दत्ता विस्तार से बता रहे हैं.

अलीगढ़ मुस्लिम विवि में ख़तरनाक स्ट्रेन

कोरोना वायरस के B.1.617 स्ट्रेन से लोग उबरे नहीं थे कि एक और नए खतरनाक स्ट्रेन का हमला हो गया है. ये स्ट्रेन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पाया गया है. इसकी वजह से पिछले 20 दिनों में एएमयू के 16 फेकल्टी मेंबर्स की जान चली गई. आजतक रेडियो रिपोर्टर मौसमी सिंह ने एएमयू के डॉक्टरों से बातचीत की और उनसे समझा की हालात क्या हैं, इसके अलावा वो इस स्ट्रेन के बारे में अब तक मिली जानकारियाँ साझा कर रही हैं.

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स्पूतनिक आ तो गई लेकिन बंटेगी कैसे?

कोरोना संकट के बीच वैक्सीनेशन अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार की कोशिशें जारी हैं. कोरोना से लड़ने के लिए पहले हमारे पास दो वैक्सीन थीं कोवैक्सीन और कोवीशील्ड लेकिन पिछले महीने जब रूस की स्पुतनिक फाइव को आयात और प्रोडक्शन की अनुमति मिली तो हमारे तरकश में एक और तीर जुड़ा. सरकार ने तो कहा है कि अगले हफ़्ते से ये वैक्सीन मिलने लगेगी और जुलाई से इसका प्रॉडक्शन देश में ही शुरू हो जाएगा लेकिन इसमें कई अड़चनें भी हैं. आजतक रेडियो की हेल्थ रिपोर्टर मिलन शर्मा सरकार का प्लान साझा कर रही हैं.

इसके अलावा आज के पॉडकास्ट में सुनिए कि आज की तारीख़ में पहले क्या घट चुका है और साथ ही देश-विदेश के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ भी, जिन्हें लेकर आए हैं अमन गुप्ता.

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