Advertisement

ट्रायल पर सवाल, सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा- 60-70% प्रभावी होने पर भी वैक्सीन कारगर

बयान में एसआईआई ने कहा, 'भले ही सबसे कम प्रभाव 60-70 फीसदी हो लेकिन यह वायरस से लड़ने के लिए काफी है. बयान में कहा गया कि उम्र के विभिन्न पड़ावों में डोज का असर कुछ अलग और प्रभावी हो सकता है. हमें धैर्य रखना है और डरना नहीं है.'

कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में बढ़ता जा रहा है कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में बढ़ता जा रहा है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:48 AM IST
  • एस्ट्राजेनेका ने मानी थी गलती
  • सीरम इंस्टिट्यूट बोला- प्रभावी है वैक्सीन

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने गुरुवार को कहा कि 60-70 प्रतिशत के सबसे कम प्रभाव पर भी एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर है. एसआईआई ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के साथ वैक्सीन के उत्पादन और वितरण के लिए काम कर रही है. बयान में एसआईआई ने कहा, 'भले ही सबसे कम प्रभाव 60-70 फीसदी हो लेकिन यह वायरस से लड़ने के लिए काफी है. बयान में कहा गया कि उम्र के विभिन्न पड़ावों में डोज का असर कुछ अलग और प्रभावी हो सकता है. हमें धैर्य रखना है और डरना नहीं है.'

Advertisement

दरअसल कंपनी का यह बयान इसलिए सामने आया क्योंकि बुधवार को एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया था कि उसके विनिर्माण में गलती पाई गई थी. उसके एक वैक्सीन कैंडिडेट (AZD1222) को मिली डोज में गलती पाई गई थी. 

यूके और ब्राजील में जारी ट्रायल्स को लेकर सोमवार को कुछ शुरुआती नतीजों के मुताबिक दी गई मात्रा के आधार पर वैक्सीन के प्रभाव में काफी फर्क नजर आया था. 

देखें आजतक लाइव टीवी

एक महीने के लिए दी गई वैक्सीन की दो फुल डोज 62 प्रतिशत प्रभावी थी, जबकि प्रतिभागी, जिन्हें पहले राउंड में वैक्सीन की आधी डोज दी गई थी और उसके एक महीने बाद पूरी डोज दी गई, उन्हें कोविड-19 डेवेलप होने के चांस 90 प्रतिशत कम थे. वैक्सीन औसत रूप से 70 प्रतिशत प्रभावी रही. ब्रिटेन में करीब 3000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था और उन्हें पहली बार में कम डोज नहीं दी जानी थी. 

Advertisement

इस खुलासे के बाद एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड के ट्रायल्स आयोजित करने के तरीके पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. कुछ वैज्ञानिकों ने पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं होने के भी आरोप लगाए हैं. हालांकि एसआईआई ने कहा कि भारत में हो रहे ट्रायल्स को लेकर परेशान होने की कोई बात नहीं है. 

एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने इससे पहले कहा था कि देश में 17 जगहों पर फेज 3 का ट्रायल चल रहा है और भारतीय ट्रायल्स के नतीजे एक महीने में आ जाएंगे. वहीं साइंटिस्ट्स और एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो वैक्सीन 60 प्रतिशत या उससे ज्यादा प्रभावी है, वह अच्छी है लेकिन उन्होंने कंपनी की संचार रणनीति पर सवाल उठाए.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement