
देश में एक तरफ कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का कहना है कि सरकार को वैक्सीनेशन प्रोग्राम में तेजी लाने की जरूरत है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तो ये तक कहा था कि अगर सरकार वैक्सीनेशन के नियमों में ढील दे, तो तीन महीने में पूरी दिल्ली को वैक्सीनेट कर दिया जाएगा. लोग कह रहे हैं कि सरकार को 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगानी शुरू कर देनी चाहिए.
वैक्सीनेशन प्रोग्राम को लेकर जितने भी सवाल हो रहे हैं, उनको लेकर एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने आजतक से बात की. उन्होंने चिंता भी जताई कि वैक्सीन प्रभावी है, लेकिन नया वैरिएंट इसका असर कम कर सकता है.
उनसे जब पूछा गया कि क्यों सरकार 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की छूट नहीं दे देती? तो इस पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि हमारे देश में युवा आबादी 100 करोड़ के आसपास होगी. और 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन के दो डोज लगाने के लिए हमें 200 करोड़ डोज की जरूरत है. इतने सारे डोज इतने कम वक्त में बना पाना मुमकीन नहीं है. इसलिए सरकार ने कोरोना के खतरे के हिसाब से प्रायोरिटी लिस्ट तय कर रखी है.
डॉ. गुलेरिया ने ये भी बताया कि क्यों अभी प्रायोरिटी तय की गई है? उन्होंने बताया कि सरकार ने अभी 45 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की छूट दे दी है. ऐसे लोगों की आबादी हमारे देश में 35 से 40 करोड़ के आसपास होगी. क्योंकि कोरोना का खतरा उम्रदराज और बुजुर्गों में ज्यादा है, इसलिए पहले वैक्सीन इन्हें लगाई जा रही है. अगर हम 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन की छूट दे देते हैं, तो हम ऐसे लोगों को वैक्सीनेट नहीं कर पाएंगे. इससे डेथ रेट बढ़ने का खतरा है. उन्होंने कहा कि अब 45 साल से ऊपर के लोगों को खुद आकर वैक्सीन लगवाना चाहिए. इससे हमारे वैक्सीन के डोज भी खराब नहीं होंगे.
संस्थानों को वैक्सीन क्यों नहीं लगाने दे रही सरकार?
जब डॉ. गुलेरिया से पूछा गया कि सरकार संस्थानों या दफ्तरों को उनके कर्मचारियों को वैक्सीनेट क्यों नहीं करने दे रही है? इस पर उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास ऐसी सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर संस्थानों या दफ्तरों में वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी जाती है और अगर किसी कर्मचारी को वैक्सीन लगाने के बाद कोई दिक्कत होती है या परेशानी होती है, तो ऐसे में क्या होगा? ये सब जानलेवा भी हो सकता है.
लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहे
उन्होंने कहा कि वैक्सीन आने के बाद लोग लापरवाह हो गए. उन्हें लगा कि अब कोरोना नहीं फैलेगा. वैक्सीन आने के बाद लोगों ने मास्क पहनना छोड़ दिया. दूरी बनानी छोड़ दी. सैनेटाइज करना छोड़ दिया. इन्हीं सब वजहों से कोरोना एक बार फिर बढ़ने लगा है. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो हम इस महामारी को नहीं रोक पाएंगे. ये लड़ाई हम सबकी है.