Advertisement

क्या मॉनसून में तेज होगी कोरोना की रफ्तार, जानें क्या बोले AIIMS डायरेक्टर

इससे पहले आईआईटी बॉम्बे के दो प्रोफेसरों ने एक अध्ययन में दावा किया था कि गर्म और शुष्क मौसम में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी हो जाती है जबकि ह्यूमिडिटी भरे वातावरण में कोरोना संक्रमण की स्पीड बढ़ जाती है.

मॉनसून के दौरान कोरोना संक्रमण की चुनौती बढ़ने वाली है (फोटो- पीटीआई) मॉनसून के दौरान कोरोना संक्रमण की चुनौती बढ़ने वाली है (फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2020,
  • अपडेटेड 10:14 AM IST

  • 'मॉनसून में कोरोना संक्रमण में खास बदलाव नहीं'
  • कोरोना जैसे लक्षण वाले डेंगू, चिकनगुनिया केस बढ़ेंगे
  • दोबारा कोरोना से संक्रमित होने का खतरा कम
नई दिल्ली स्थित एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि मॉनसून आने के साथ ही देश में कोरोना वायरस के संक्रमण में कोई 'बड़ा बदलाव' नहीं होने वाला है.

कई अपुष्ट रिपोर्ट के विपरीत, जिसमें दावा किया गया कि नमी भरे मौसम की वजह से मॉनसून सीजन में कोरोना वायरस का प्रसार तेजी से होगा, डॉ गुलेरिया ने कहा कि मॉनसून काल में भी कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कोई खास बदलाव नहीं होगा. कोरोना के खतरे से दो चार हो रहे लोगों के लिए ये राहत भरी खबर हो सकती है.

Advertisement

इससे पहले आईआईटी बॉम्बे के दो प्रोफेसरों ने एक अध्ययन में दावा किया था कि गर्म और शुष्क मौसम में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी हो जाती है जबकि ह्यूमिडिटी भरे वातावरण में कोरोना संक्रमण की स्पीड बढ़ जाती है.

देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर? यहां क्लिक कर देखें

इंडिया टुडे के साथ खास बातचीत में डॉ गुलेरिया ने कहा, "मुझे नहीं लगता है कि मॉनसून सीजन आने के साथ ही इसमें कोई नाटकीय बदलाव होगा. जब गर्मी का मौसम आया तो लोग कह रहे थे कि संक्रमण रुक जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

डॉ गुलेरिया ने कहा कि अब डॉक्टरों को इलाज की प्रक्रिया बदलनी पड़ेगी क्योंकि अब डेंगू, चिकनगुनिया के मरीज बढ़ेंगे, जिनके लक्षण कोरोना जैसे ही होते हैं.

Advertisement

एम्स डॉयरेक्टर से जब पूछा गया कि क्या जिसे एक बार कोरोना का संक्रमण हो गया है वह ठीक होने के बाद एक बार फिर से इसकी चपेट में आ सकता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसकी बेहद कम संभावना है कि जो एक बार कोरोना से पीड़ित है उसे दोबारा ये बीमारी होगी. क्योंकि कोरोना के इलाज के दौरान शरीर में ऐसे कुछ एंटीबॉडीज बनते हैं जो आपकी इम्युनिटी को मजबूत करते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि एंटीबॉडीज द्वारा पैदा की गई ये इम्युनिटी कितने दिनों तक काम करती है, ये बताना मुश्किल है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement