Advertisement

न घर जाना, न खाना खाने का समय...INOX में 24 घंटे ऐसे हो रहा काम, ताकि थम न जाए कोई सांस

मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार दबाव के बीच आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स ने अपनी क्षमता को 300 फीसदी तक बढ़ा दिया है. उसके कर्मचारी ऑक्सीजन की आपूर्ति को पूरा करने के लिए 24x7 काम कर रहे हैं.

गाजियाबाद में स्थित आईनॉक्स का प्लांट गाजियाबाद में स्थित आईनॉक्स का प्लांट
तनुश्री पांडे
  • गाजियाबाद,
  • 07 मई 2021,
  • अपडेटेड 3:25 PM IST
  • 16 राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहा INOX
  • गाजियाबाद प्लांट में 24x7 हो रहा ऑक्सीजन का उत्पादन

देश को कोरोना की दूसरी लहर में मेडिकल ऑक्सीजन का अभूतपूर्व संकट का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली से लेकर विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से डॉक्टरों सहित सैकड़ों मरीजों की मौत हो चुकी है. इस मुश्किल दौर में आईनॉक्स एयर प्रोडेक्ट, केंद्र और कई राज्यों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक के रूप में उभरा है.

Advertisement

मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार दबाव के बीच आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स ने अपनी क्षमता को 300 फीसदी तक बढ़ा दिया है. आईनॉक्स द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन के साथ-साथ 16 राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति का ट्रैक रखने के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. 

मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई का नेतृत्व खुद आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स के निदेशक सिद्धार्थ जैन कर रहे हैं, ताकि टीम को चौबीसों घंटे काम करने का मनोबल मिलता रहे. सिद्धार्थ जैन ऑक्सीजन आवंटन के लिए सशक्त समूह का भी एक हिस्सा है, जिसे सरकार ने पिछले साल अप्रैल में बनाया था.

मार्च 2020 में महामारी शुरू होने के बाद से आईनॉक्स ने मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ मिलकर पूरे देश में 800 से अधिक अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की है. दैनिक आधार पर आईनॉक्स प्रति दिन 2500 टन से अधिक तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है. 

Advertisement

आईनॉक्स के कई वरिष्ठ कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित हैं. इंडिया टुडे ने यूपी के मोदीनगर में आईनॉक्स के प्लांट का दौरा किया, जहां हमने देखा कि कर्मचारी ऑक्सीजन की आपूर्ति को पूरा करने के लिए 24x7 काम कर रहे हैं. मोदीनगर प्लांट के मैनेजर विनीत त्यागी पिछले कई दिनों से घर नहीं गए, जबकि उनकी बहन दिल्ली के एक अस्पताल में एडमिट हैं. 

इंडिया टुडे से बात करते हुए विनीत त्यागी ने कहा कि मेरी बहन आईसीयू में जिंदगी-मौत से जूझ रही है, लेकिन मुझे यहां रहना है क्योंकि यह देश भी मेरा परिवार है, अगर मैं नहीं रहता, तो इस प्लांट के कामकाज में बाधा उत्पन्न हो सकती है, मेरी बहन एक फाइटर है, मुझे पता है कि वह इससे लड़ेगी, लेकिन मुझे यहां रहना है.
 
विनीत की जिम्मेदारी मजदूरों और ट्रक ड्राइवरों के मनोबल को बढ़ाना है, जिनके परिवार के सदस्य कोरोनोवायरस से भी जूझ रहे हैं. विनीत का कहना है कि समय पर ऑक्सीजन का उत्पादन और परिवहन करना सबसे बड़ा कर्तव्य है. कई ड्राइवर बिना खाए-पीए लगातार टैंकर चला रहे हैं, ताकि अस्पतालों में ऑक्सीजन जल्द से जल्द पहुंच सके.

टैंकर चालक पंकज सिंह ने पिछले एक महीने से अपने परिवार और बच्चों को नहीं देखा है. इंडिया टुडे से बात करते हुए उसने कहा कि मेरा परिवार रोहिणी में रहता है, मैं उनसे एक महीने से नहीं मिला, क्योंकि समय नहीं है, अगर मैं उन्हें देखने के लिए जाता हूं, तो किसी अस्पताल मरीज की मौत हो सकती है. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement