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Corona: वैक्सीन के साइड इफेक्ट पर मिलेगा मुआवजा, भारत बायोटेक का ऐलान

कंपनी का कहना है कि किसी गंभीर दुष्परिणाम की स्थिति में कंपनी की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा. यह मुआवजा तभी दिया जाएगा जब दुष्परिणाम का कारण वैक्सीनेशन ही होगा. बता दें कि पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में कोवैक्सीन ने एंटीडोट्स उत्तपन करने की क्षमता देखी गई थी.

भारत बायोटेक ने यह एलान किया है.(फोटो- आजतक) भारत बायोटेक ने यह एलान किया है.(फोटो- आजतक)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 4:44 PM IST
  • वैक्सीन संबंधित साइड इफेक्ट पर ही मिलेगा मुआवजा
  • लाभार्थियों को वैक्सीनेशन से पहले देनी होगी सहमति

कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर भारत बायोटेक ने बड़ा ऐलान किया है. कंपनी का कहना है कि कोवैक्सीन के लगाए जाने पर दुष्परिणाम सामने आने की स्थिति में कंपनी मुआवजा देगी. भारत सरकार ने भारत बायोटेक से कोरोना वैक्सीन की 55 लाख डोज खरीदने का फैसला किया है.

कंपनी का कहना है कि वैक्सीन दिए जाने वाले शख्स को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी करना होगा. कंपनी का कहना है कि किसी अनहोनी की स्थिति में कंपनी की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा. भारत बायोटेक ने कहा कि कोवैक्सीन के लगाए जाने पर किसी लाभार्थी को कोई स्वास्थ्य समस्या होती है तो सरकारी अस्पताल में देखरेख की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.

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कंपनी ने आगे कहा कि किसी गंभीर दुष्परिणाम की स्थिति में कंपनी की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा. यह मुआवजा तभी दिया जाएगा जब दुष्परिणाम का कारण वैक्सीनेशन ही होगा. बता दें कि पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में कोवैक्सीन ने एंटीडोट्स उत्तपन करने की क्षमता देखी गई थी. वैक्सीन बना रही कंपनी की तरफ से कहा गया कि वैक्सीन की क्लीनिकल क्षमता के बारे में  अब भी बताया जाना शेष है. तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों का अध्य्यन किया जा रहा है.

सहमति पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि वैक्सीन लगाए जाने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि लाभार्थियों को अब कोरोना संबंधित प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना है. इसलिए कोरोना संबंधित गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य है.

इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि क्लीनिकल ट्रायल के दौरान किसी अप्रिय घटना के लिए कंपनी जिम्मेदार होगी और कंपनी को मुआवजा देना होगा. बता दें कि सेंट्रल लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने कोवैक्सीन को सेल की अनुमति दे चुकी है. आपात स्थिति में और जनहित के लिए इस वैक्सीन का इस्तेमाल क्लीनिक ट्रायल मोड में किया जा सकता है.

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