दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार हमें वैक्सिनेशन सेंटर्स नहीं खोलने दे रही है. वैक्सीन के पर्याप्त डोज तक नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र ने वैक्सीन वितरण को लेकर पूरी तरह से केंद्रीकरण कर रखा है.
वैक्सीन की कमी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र भी मान रही है कि वैक्सीन की कमी है. लेकिन अभी अंगुली उठाने का समय नहीं है. वैक्सीन को लेकर अभी निर्यात पर रोक लगा दिया जाना चाहिए. पहले अपने यहां के लोगों के लिए वैक्सीन की सुविधा मिलनी चाहिए. साढ़े 6 करोड़ वैक्सीन के डोज बाहर भेजे गए. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने दुनियाभर से जहां से हो सका उसने अपने लोगों के लिए वैक्सीन एकत्र किए. अपने यहां भी पहले यहां के लोगों के लिए वैक्सीन की व्यवस्था की जानी चाहिए.
कोरोना पर नियंत्रण को लेकर लॉकडाउन लगाए जाने के सवाल पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन लगाना कोई समाधान नहीं है. इससे संख्या में कुछ कमी जरुर आ सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर दिल्ली में मामले बढ़ते हैं तो विचार किया जा सकता है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केवल यह कहना कि लोगों ने कोरोना संयमित नियमों का पालन नहीं किया इसलिए मामले बढ़े. बढ़ने के पीछे कुछ और कारण हो सकते हैं. कुछ नए स्ट्रेन की वजह से मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. पिछले 10 दिनों में मामले तेजी से बढ़े. रोजाना दो से ढाई हजार की वृद्धि के साथ नए मामले सामने आ रहे हैं.
आजतक से साथ बातचीत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए लगता है कि स्थिति चिंताजनक है लेकिन घबराने की जरुरत नहीं है. दिल्ली में कोरोना की यह चौथी लहर है. उन्होंने कहा कि हालांकि दिल्ली में स्थिति अभी नियंत्रण में है.
टेस्टिंग पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि एक ही तरीका है जितना ज्यादा टेस्टिंग होगी, उसमें जितने पॉजिटिव मिलेंगे. उन्हें अलग कर देंगे तो ज्यादा फैलने की संभावना टूट जाएगी. फैलने के कारण ही इस बार तेजी से कोरोना बढ़ा है. कुछ दिन पहले तक हम करीब 60 हजार टेस्टिंग करते थे. अब हमने डबल करते हुए 1.20 लाख कर दिया. उन्होंने कहा कि हम रोज टेस्टिंग कर रहे हैं. आरटी-पीसीआई 40 फीसदी और एंटीजन 60 फीसदी टेस्टिंग करते हैं. हमने टेस्टिंग को सुव्यस्थित कर रहे हैं. सड़कों पर टेंट लगाए हैं और टेस्टिंग के लिए कोई चार्ज भी नहीं लेते हैं. कई टेस्टिंग लैब भी बनाए हैं. हम टेस्टिंग बढ़ा रहे हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि हम राज्य में टेस्टिंग बढ़ा रहे हैं. सही समय पर टेस्टिंग, सही समय पर ट्रेसिंग और सही समय पर इलाज ही समाधान है. इससे बड़ी संख्या में लोगों की जान बच सकती है. मामूली सा लक्षण दिखने पर इलाज शुरू कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वैक्सीन लेना जरुरी है. ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन लेंगे तो हम निश्चित तौर पर कोरोना को हराएंगे.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि लॉकडाउन से समाधान नहीं होगा. राज्य में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए टीकाकरण तेजी से किया जा रहा है. हमारे यहां पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन को लेकर राजनीति किया जाना उचित नहीं है.
सीएम सम्मेलन में आए बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर हमने सारी तैयारियां कर ली हैं. तेजस्वी यादव के हाल के ट्वीट के सवाल पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मैं उन्हें जवाब नहीं देना चाहता. हमनें कई निर्णय लिए हैं उसका चित्र भी दिखना चाहिए. ये एक चित्र बिहार की तस्वीर नहीं है. बिहार का रिकवरी दर काफी बेहतर है. दो करोड़ 21 लाख का लक्ष्य रखा है. 47 लाख 95 हजार 94 लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई है. अच्छी चीजें दिखनी चाहिए. नेता प्रतिपक्ष से भी अपेक्षा है कि सिर्फ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और विद्वेष के कारण एक क्लीपिंग दिखाकर वो क्या कहना चाहते हैं.
कोरोना के चलते छात्रों की पढ़ाई और परीक्षा को लेकर सीएम खट्टर ने कहा कि छात्रों की डिस्टेंस एजुकेशन जरूर कराएंगे. जहां तक परीक्षा की बात है तो अभी स्थिति ऐसी नहीं है कि छात्रों की परीक्षा नहीं ली जाए. ऐसी कोई योजना नहीं बनाई गई है कि छात्रों की परीक्षाएं ना ली जाएं. परीक्षाएं ली जाएंगी ऐसा एक विचार बनाया गया है. टीका उत्सव को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन हैं. अगले चार दिन में एक लाख वैक्सीन लगेंगे. यानी अगले चार दिन में पांच लाख वैक्सीन लगाने की योजना है. हम वैक्सीन सप्लाई को लेकर प्लान बना लेते हैं और वैक्सीन आने पर इसकी आगे की सप्लाई की जाती है. हमारे यहां वैक्सीन को लेकर कोई कमी नहीं है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जहां तक नाइट कर्फ्यू यानी कोरोना कर्फ्यू का सवाल है तो इस पर आज हम लोग फैसला करेंगे. जो बड़े शहर हैं वहां हम कोरोना कर्फ्यू लागू कराएंगे.
दिल्ली और देश के अन्य कई राज्यों में लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू जैसे कदम उठाए गए हैं. क्या हरियाणा में भी ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए के सवाल पर सीएम खट्टर ने कहा कि सामान्य कदम जो पहले उठाए गए थे उन्हें फिर से लागू किया गया है जैसे मास्क पहनना, सोशल डिस्टेेंसिंग, सेनेटाइजेशन, गेदरिंग पर रोक लगाई गई है. इंडोर गेदरिंग 50 फीसदी कर दी गई है और आउटडोर गेदरिंग में भी 500 से ज्यादा कि गेदरिंग नहीं होनी चाहिए. अंतिम संस्कार में लोगों के जाने की लिमिट 20 लोगों की रखी गई है. ये सारे एहतियात उठाए गए हैं. जहां तक लॉकडाउन की बात है तो पिछले साल ये लागू किया गया था. इसमें देखा गया कि पैनिक ज्यादा क्रिएट होता है और समाधान ज्यादा नहीं निकला. हमारा सारा आर्थिक चक्र रुक गया. इस सबके बावजूद हम कोरोना को ज्यादा रोक नहीं पाए थे.
पिछले एक साल में अस्पतालों का प्रबंधन कितना मजबूत हुआ? इस सवाल के जवाब पर सीएम खट्टर ने कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं. जिन ड्यूटीज़ पर पहले लोगों को लगाया गया था लोग वापस उस ड्यूटी पर आ गए हैं.हमारे अस्पताल में बेड्स पर्याप्त संख्या में हैं चाहे वो आईसीयू बेड हों या फिर ऑक्सीजन बेड हों. सरकार के साथ-साथ प्राइवेट व्यवस्था भी इसमें सहयोग कर रही हैं. सब मिलकर इस लड़ाई को लड़ेंगे तो इसके ऊपर काबू पाएंगे.
दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही हरियाणा में भी कोरोना के बढ़ते मामले पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह चिंता का विषय है. दिल्ली से लगे हरियाणा के बॉर्डर बंद करने के सवाल पर सीएम खट्टर ने कहा कि ऐसे कई कदम हैं जो पू्र्व में कारगर साबित हुई हैं. लेकिन सीमा बंद करना इसका हल नहीं है. बॉर्डर बंद होने के बाद भी बहुत से लोगों का एक राज्य से दूसरे राज्य में आना जाना लगा रहता है. इसलिए यह उतना कारगर नहीं है. इससे सिर्फ पैनिक बढ़ता है. इसलिए हम और एहतियात बरत रहे हैं.
राजेश टोपे ने कहा कि लॉकडाउन सरीखी स्थिति महाराष्ट्र में हैं. लेकिन महाराष्ट्र सरकार का संपूर्ण लॉकडाउन का इरादा नहीं है. अभी तक ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का पूरी दुनिया में थंब रूल ये है कि जब हमारे पूरे संसाधन खत्म हो जाते हैं. जैसे अगर बेड्स की कमी होती है या फिर डॉक्टरों की कमी अगर होती है. तो लॉकडाउन लगाकर चेन ब्रेक की जाती है. महाराष्ट्र में काफी पाबंदियां हैं. राज्य में लॉकडाउन की जरूत नहीं है. राज्य सरकार का संपूर्ण लॉकडाउन का इरादा बिल्कुल नहीं है. स्थिति अगर बेकाबू होती है लोगों के लिए डॉक्टर और बेड की कमी होती है तो ऐसी स्थिति के बारे में सोचा जाएगा.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सीएम सम्मेलन में कहा कि अगर हमें इंफेक्शन रोकना है और चेन ब्रेक करना है तो ये जो 45 साल से नीचे वाले लोगों का ऐज ग्रुप है. इन लोगों को वैक्सीनेट करनी जरुरत है. अमेरिका में भी ऐसा हो रहा लेकिन इसकी डिमांड भी हमारे देश में पूरी नहीं हो रही है. अच्छी चीजों को हमें अनुकरण करना चाहिए.
केंद्र सरकार की तरफ से वैक्सीन वितरण में भेदभाव के आरोप को लेकर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र की तुलना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की तुलना गुजरात से करेंगे तो गुजरात की 6 करोड़ जनसंख्या है और हमारी 12 करोड़ है. हमारे यहां सक्रिय मामले ज्यादा हैं. गुजरात में 17 हजार सक्रिय मामले हैं. एक करोड़ गुजरात को दिया और एक करोड़ वैक्सीन महाराष्ट्र को दी लेकिन ये कोई तुलना है क्या. ये कोई तुलना हो ही नहीं सकती है.
सीएम सम्मेलन के दौरान सीएम रावत ने कहा कि हमने कैबिनेट में फैसला लिया कि जहां कोरोना के मामले ज्यादा हैं, वहां रात के 10 बजे से सुबह पांच बजे तक सुबह तक रात्रि कर्फ्यू लगाने का काम किया है. जहां जैसे-जैसे मामले होंगे समय के हिसाब से वैसा फैसला लिया जाएगा. हमें विश्वास है कि राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन की स्थिति नहीं आएगी हमें विश्वास है. केंद्र सरकार की तरफ से हमें पूरी मदद मिल रही है. पीपीईकिट हो या वैक्सीन हो. रिकवरी रेट हमारे यहां 91 प्रतिशत से ज्यादा है. हमने अपने यहां स्थिति संभाली है आगे भी स्थिति ठीक रहेगी ऐसा हमें पूरा विश्वास है.
कोरोना वायरस महामारी के बीच आयोजित कुंभ को लेकर उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कुंभ का आयोजन भव्य व दिव्य हुआ है. जितने साधु संत आने चाहिए थे सभी कुंभ में पहुंचे हैं. चुनौती है लेकिन हमें टेस्टिंग और अन्य एहतियात बरतने के नियम बनाए हैं.
कोच बिहार में हुई हिंसा को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोच बिहार में हुई हिंसा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह बंगाल की हार को प्रदर्शित करता है. हार देखकर टीएमसी बौखला गई है. मैं वहां चुनाव प्रचार में गया था. मैंने करीब से देखा लोग कैसे वहां लोकतंत्र की खिल्ली उड़ा रहे हैं और अव्यवस्था फैला रहा हैं. इसलिए बंगाल के लोग टीएमसी सरकार से मुक्ति चाहते हैं.
धर्मस्थल को लेकर सीएम योगी ने कहा कि इंसान रहेगा तभी आस्था रहेगी और व्यक्त हो पाएगी.इसलिए हम लोगों ने तय किया है कि धर्मस्थलों में पांच से अधिक लोग एक समय में ना जाए. पांच से ज्यादा लोग एक जगह पर एकत्रित ना हो. हाई रिस्क कैटेगरी वाले लोगों को बाहर नहीं निकलना चाहिए. कल परसों में हम लोग सभी धर्मगुरुओं से इसपर चर्चा भी की जाएगी. हम उनसे अपील करेंगे. मनुष्य रहेगा तो ही आस्था रहेगी. मनुष्य के जीवन को प्राथमिकता दी जाएगी. कोरोना के संक्रमण को अगर रोकना है तो सख्ती का पालन करना होगा.
सीएम योगी ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को रोकने से एक काम आम आदमी प्रभावित होता है. स्ट्रीट वेंडर प्रभावित होता है. हम लोगों ने उसके लिए व्यवस्था की है. बाजारों में भीड़ भाड़ ना हो. स्ट्रीट वेंडर जहां पर भी हैं.फल मंडी, सब्जी मंडी को खुले स्थान पर लगाने की व्यवस्था की जाए. सेनेटाइजेशन किया जाए. स्वच्छता की जाए. प्रदेश में सेनेटाइजेशन युद्धस्तर पर चल रहा है. लेकिन अगर हम आर्थिक गतिविधि रोक दें तो इससे आम आदमी प्रभावित होता है.मजदूर, गरीब परेशान होता है. हम आजीविका भी बचाएंगे और कोरोना को भी रोकेंगे. हम राज्य में टेस्टिंग बढ़ाएंगे. हम लॉकडाउन की तरफ नहीं जा रहे हैं और जाना भी नहीं चाहिए.
सीएम योगी ने कहा कि आज लॉकडाउन की कोई जरूरत नहीं है. सीएम योगी ने कहा कि जहां पांच सौ से ज्यादा मामले हैं या जहां सौ से ज्यादा रोजोना केस आ रहे हैं वहां आप नाइट कर्फ्यू लगाया जाए. हमने पहले दिन से ऐसी व्यवस्था बना दी है. इस दौरान जरूरी चीजों की सप्लाई जारी रहे. हमने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूल और कॉलेजों को 20 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया है. क्लब और कोचिंग को बंद करने के लिए हमने आज कहा है. उन्होंने कहा कि बंद सभागार में पचास से ज्यादा लोग और ओपन में 100 से ज्यादा लोग एकत्रित ना हों. शर्त ये है कि सभी के पास मास्क होना चाहिए. जो सर्विस से जुड़े लोग हैं उनके पास सेनेटाइजर और ग्लव्स होना चाहिए.
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में अबतक 90 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है. 14 अप्रैल तक आठ हजार सेंटर्स में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम होगा. पांच अप्रैल को हमने एक दिन में पांच लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन दिया था. पांच अप्रैल को हमने विशेष अभियान के तहत ऐसा किया था. किसी को वैक्सीन देना है तो पहले नियमों को पालन करना होगा. राज्य सरकारों को इससे जुड़ी व्यवस्था बनानी पड़ेगी.यूपी में यह व्यवस्था लागू है.
वैक्सीन की कमी के सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि वैक्सीन की कमी नहीं है , सिस्टम को ठीक करने और व्यवस्थित करने में समय लग रहा है. दुनिया में सबसे बड़ा वैक्सीनेशन का प्रोग्राम चल रहा है. उत्तर प्रदेश में 11 से 14 तक टीका उत्सव के तौर पर मनाया जा रहा है. आज हमारे 6 हजारों केंद्रों में वैक्सीनेशन चल रहा है. वेस्टेज रोकने के लिए रणनीति बनाई जा रही है. जब वैक्सीन आया था तो 20 से 25 फीसदी वेस्टेज था. अब हम लोगों ने इसके लिए रणनीति बनाई है. हमनें केंद्रों से कहा कि जितने लोगों को वैक्सीन देनी है. उन लोगों को सेंटर्स पर बुलाए. प्लानिंग के स्तर पर राज्य सरकारों की शिथिलता के चलते यह समस्या आई होगी अन्यथा वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में हैं. हमारा प्रयास है जितना वेस्टेज कम होगा उतना ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा सकेगी.
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर पहले से ज्यादा खतरनाक है. उन्होंने कहा कि हमें पहली लहर का अनुभव है. हमने व्यापक रणनीति बनाई है.
सीएम सम्मेलन में दिल्ली में कोरोना वायरस के चलते व्याप्त हालात को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्लीवासी सावधानी बरते नहीं तो हालात बेकाबू हो जाएंगे. दिल्ली में पिछले 10 से 15 दिनों में काफी तेजी से कोरोना फैला है. दिल्ली में कोरोना की चौथी वेव है. यह बहुत तेजी से बढ़ रहा है. मिड मार्च तक 200 से भी कम केस आ रहे थे लेकिन पिछले 24 घंटे में10,732 केस समाने आए हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में अगर बेड्स की कमी हुई तो राज्य में लॉकडाउन ना लगाना पड़ जाए.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में टूरिज़म बंद करने पर बड़ा नुकसान होगा. यहां जिन लोगों को पर्यटन से रोजगार मिलता है. उनके लिए मुश्किलें होंगी. ऐसे में यह फैसला लेना काफी कठोर होगी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को बचाए रखना और कोविड-19 से बचने की दोहरी चुनौती है. उन्होनें कहा कि ट्रेसिंग और वैक्सीनेशन सबसे अहम है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में एक दिन में आठ हजार से नौ हजार टेस्टिंग होती हैं. हम इसको बढ़ाकर 15 हजार कर रहे हैं. हम इसको बढ़ा रहे हैं. हिमाचल में वैक्सीनेशन को लेकर उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में वैक्सीनेशन अभियान काफी सही चल रहा है.
टूरिस्टों के आने को लेकर एहतियात के मसले पर सीएम जयराम ने कहा कि पिछले साल कोरोना के चलते हमारा टूरिज़म बिल्कुल ही तबाह हो गया था. अबकी बार एक उम्मीद के साथ बैठे हैं. अभी हिमाचल में लोग आ रहे हैं और रह रहे हैं. हम अगर सख्ती कर देंगे तो इंडस्ट्री बैठ जाएगी. सख्ती करेंगे तो लोगों को दिक्कत होगी. ऐसे में हमने कोई भी कोताही बरतने को नहीं कहा है. एसओपी के मुताबिक टूरिस्ट के आने पर इन लोगों को नियमों का पालन करना होगा. अगर हम टूरिस्ट को कोरोना की जांच कराने के बाद आने के लिए कहेंगे तो ऐसे में टूरिस्ट नहीं आएगा.
हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने सीएम सम्मेलन में कहा कि कोरोना के बढ़ते मामले चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग से कोरोना से बचने की गुंजाइश बनती है. उन्होंने कहा कि इसी तरह वैक्सीन से भी लोगों को बचने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि वैक्सीन लगने से आपको कोरोना नहीं होगा. उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना को लेकर लोगों में गंभीरता काफी ज्यादा थी. लोगों ने मास्क बांटे, गरीबों में राशन बांटे लेकिन इस बार लोगों की गंभीरता में कमी आई है.