
कांग्रेस ने कोरोना वैक्सीन की 20 लाख डोज ब्राजील को निर्यात करने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि अभी जब भारत की जनता को ही वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाई है तो इसका निर्यात क्यों किया जा रहा है. कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा है कि सवाल यह है भारत की पूरी जनसंख्या को टीका लगाए जाने से पहले वैक्सीन के निर्यात की अनुमति क्यों दी गई? सरकार को ‘सभी के लिए कोरोना वैक्सीन’ मोदी सरकार की घोषित नीति होनी चाहिए.
बता दें कि ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना के 20 लाख वैक्सीन की मांग की थी. इसके बाद बाद भारत सरकार ने वैक्सीन भेजने की इजाजत दे दी है. सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित कोविशील्ड वैक्सीन की 20 लाख डोज को ब्राजील ले जाने के लिए ब्राजील का एक विमान भारत पहुंच चुका है. इस बीच कांग्रेस ने इस फैसले पर सवाल उठाया है.
कांग्रेस नेता कोरोना वैक्सीन विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों धन्यवाद दिया पर यह भी कहा कि भारत ने यह आत्मनिर्भरता 4-6 वर्षों में अर्जित नहीं की है. यह आजादी के बाद 73 साल की मेहनत का नतीजा है कि आज दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में गर्भवती माताओं-बच्चों सहित हम 40 करोड़ मुफ़्त टीके प्रतिवर्ष देश के नागरिकों को लगाते हैं.
क्या मुफ्त मिलेगी वैक्सीन?
वैक्सीन की कीमतों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि नि:शुल्क कोरोना वैक्सीन किसे मिलेगी? कितने लोगों को नि:शुल्क कोराना वैक्सीन दी जाएगी? जनता को निशुल्क कोरोना वैक्सीन कहां से मिलेगी? इन सवालों के जवाब सरकार को देने चाहिए.
सुरेजवाला ने कहा, "भारत के ड्रग कंट्रोलर, वी. जी. सोमानी के अनुसार, मोदी सरकार ने कोरोना वैक्सीन की 16.5 मिलियन (165 लाख) खुराकें मंगाई हैं (5.5 मिलियन कोवैक्सीन एवं 11 मिलियन कोवीशील्ड). हर व्यक्ति को 2 खुराक दिए जाने पर यह वैक्सीन 82.50 लाख डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों आदि को ही दी जा सकेगी, जबकि मोदी सरकार दावा कर रही है कि पहले राउंड में वैक्सीन 3 करोड़ लोगों को दी जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी इस बात का जवाब देने से कतरा रहे हैं कि भारत की बाकी जनसंख्या, यानि 135 करोड़ नागरिकों को कोरोना वैक्सीन कैसे मिलेगी और क्या यह वैक्सीन उनके लिए भी निशुल्क होगी?"
वैक्सीन का दाम ज्यादा क्यों दे रही है सरकार
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट भारत सरकार को 200 रु./खुराक की दर से दे वैक्सीन रही है. एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन ‘बिना कोई मुनाफा कमाए’देने का वादा किया है. बेल्जियम के मंत्री, ऐवा डे ब्लीकर के अनुसार, उनके लिए एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की कीमत 1.78 यूरो (2.18 अमेरिकी डॉलर) यानि 158 रु. है.
सवाल यह उठता है कि भारत सरकार सीरम इंस्टीट्यूट को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए ज्यादा राशि यानि 200 रु. क्यों दे रही है, जबकि उन्होंने वैक्सीन, ‘बिना कोई मुनाफा कमाए’ देने का वादा किया है.
कोवैक्सीन की कीमतों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन का उत्पादन ‘भारत बायोटेक’ द्वारा किया जाता है. कोवैक्सीन भारत सरकार को 295रु./खुराक में दी जा रही है. भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के सहयोग से कोवैक्सीन बनाई है.
साथ ही, ‘कोवैक्सीन’ को अनुमति, पहले चरण में 375 प्रतिभागियों एवं दूसरे चरण में 380 प्रतिभागियों यानि कुल 755 प्रतिभागियों पर परीक्षण किए जाने के बाद दी गई. तीसरे चरण के परीक्षणों का अभी इंतजार है. सुरजेवाला ने कहा कि सवाल यह है कि मोदी सरकार भारत बायोटेक को इस वैक्सीन के लिए 95 रु. ज्यादा क्यों दे रही है, जबकि इसका विकास भारत सरकार के स्वामित्व की आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने अपने अनुभव व विशेषज्ञता द्वारा किया है?