
चीन में कोरोना ने कहर बरपाया हुआ है. वहीं जापान और अमेरिका की हालत भी बेहद खराब है. स्थिति को देखते हुए भारत में भी बीते 24 घंटे में कोरोना पर 2 अहम बैठकें हो चुकी हैं. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीटिंग की तो वहीं आज शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों और अफसरों के साथ बैठक की.
केंद्र सरकार की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं कि सभी राज्य केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी का सख्ती से पालन करें. इस कड़ी में एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्कैनिंग और कोविड टेस्टिंग शुरू कर दी गई है. इसके लिए बकायदा केंद्र सरकार ने नागर विमानन मंत्रालय को पत्र भी लिखा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागर विमानन मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है,‘हर उड़ान में कुल यात्रियों के 2 फीसदी तक को आगमन के बाद एयरपोर्ट पर रैंडम परीक्षण से गुजरना होगा.’
इस बाबत गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने निर्देश जारी किए हैं कि एयरपोर्ट पर यात्रियों की कोविड टेस्टिंग की जाएगी. फिलहाल यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग की जाएगी. वहीं महाराष्ट्र सरकार ने भी छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर यात्रियों की कोविड टेस्टिंग के निर्देश दिए हैं.
इस सबके बीच उत्तराखंड में कोविड की बूस्टर डोज देने के लिए अभियान शुरू हुआ है. सचिवालय में वैक्सीन की बूस्टर डोज देने के लिए एक शिविर भी लगाया गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए शिविर का दौरा किया और लोगों से अपील की कि जिन्होंने डोज नहीं ली है, वह तुरंत बूस्टर डोज लगवा लें. उन्होंने कहा कि इस तरह के शिविर का आयोजन रोज किया जाएगा.
नेजल वैक्सीन को मिली अनुमति
कोरोना को देखते हुए केंद्र सरकार ने नेजल वैक्सीन को अगली बूस्टर डोज के तौर पर मंजूरी दे दी है. देश में पहली नेजल वैक्सीन है. जिसे नाक से दिया जाएगा. इस वैक्सीन को अब देश के वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल करके 18 साल या उससे अधिक उम्र वाले लोगों को दिया जाएगा. 22 दिसंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक भारत में वैक्सीन की पहली डोज के 220 करोड़ से ज्यादा शॉट्स दिए जा चुके हैं. वैक्सीन की दूसरी डोज के भी 103 करोड़ शॉट्स दिए गए हैं. इसका मतलब है कि भारत में एक बहुत बड़ी आबादी ने वैक्सीन की दो डोज तो लगवा ली. लेकिन जब ओमिक्रॉन वैरिएंट आने के बाद बूस्टर डोज की जरूरत बताई गई तो पिछले 10-11 महीने में 22 करोड़ लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाई.