
देश में कोरोना वायरस की ताज़ा लहर हर किसी को अपने चपेट में ले रही है. जो राज्य अपना पीक देख चुके हैं, वहां भी हालात बेकाबू हो रहे हैं और हर रिकॉर्ड टूट रहा है. सबसे बुरे हालात दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों के लिए हुए हैं, जहां आबादी ज़्यादा है और केसों की संख्या हर दिन के साथ बढ़ रही है.
दिल्ली में फिर टूटे रिकॉर्ड
राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस एक बार फिर कहर बन रहा है. बीते दिन दिल्ली में कुल 7437 नए केस दर्ज किए गए, जो इस साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है. दिल्ली में बीते कुछ दिनों से हर रोज़ औसतन 5 हज़ार से ज्यादा मामले आ रहे थे, लेकिन अब तो ये आंकड़ा 7 हज़ार को भी पार कर गया है.
दिल्ली में बीते दिन 24 लोगों की मौत भी हुई है. ऐसे में सरकार के लिए चिंता बढ़ने वाली बात है. इसी महासंकट को देखते हुए दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. लेकिन मामलों की रफ्तार फिर भी बढ़ती ही जा रही है. दिल्ली में एक बार फिर पॉजिटिविटी रेट बढ़ गया है और ये 8 फीसदी को पार कर गया है.
बता दें कि दिल्ली के एम्स ने कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से ही ओपीडी सर्विस को बंद कर दिया है. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में ही बीते दिन 37 डॉक्टर कोरोना की चपेट में आ गए, जबकि वो कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ ले चुके थे.
मुंबई में भी हालात बेकाबू
महाराष्ट्र कोरोना की पहली लहर की तरह इस लहर में भी एपिसेंटर बना हुआ है. मुंबई में हालात बेकाबू हैं, बीते दिन भी यहां करीब नौ हज़ार केस ही दर्ज किए गए. मुंबई में बीते दिन 8938 नए केस दर्ज किए गए, जबकि 25 लोगों की मौत हो गई.
मुंबई में बीते कुछ वक्त से औसतन दस हज़ार मामले हर रोज़ आ रहे हैं. अब मुंबई में एक्टिव केस की संख्या भी 83 हज़ार को पार कर गई है. हर दिन मुंबई के अस्पतालों में बेड्स, वेंटिलेटर बढ़ते जा रहे हैं. बता दें कि मुंबई में भी नाइट कर्फ्यू लागू है, साथ ही वीकेंड लॉकडाउन भी है.
बीते दिन मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ संदेश दिया था कि राज्य सरकारें अधिक केसों की संख्या से ना घबराएं और अपने यहां टेस्टिंग पर सर्वाधिक ज़ोर दें. मुंबई और दिल्ली में टेस्टिंग को देखें तो यहां टेस्टिंग तेज़ी से हो रही है. मुंबई में बीते दिन करीब 50 हजार और दिल्ली में 92 हजार टेस्ट हुए हैं.