Advertisement

क्या कोरोना मरीज की डेड बॉडी को छूने से फैल सकता है संक्रमण? जानें एक्सपर्ट का जवाब

क्या किसी कोरोना मरीज के शव को छूने से आपको भी कोविड हो सकता है? ये सवाल कई लोगों के मन में है, अब एक्सपर्ट ने इसी प्रश्न का जवाब दिया है.

क्या कोविड मरीज के शव को छूने से फैलता है वायरस? (फोटो: PTI) क्या कोविड मरीज के शव को छूने से फैलता है वायरस? (फोटो: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2021,
  • अपडेटेड 2:29 PM IST
  • देश में जारी है कोरोना की दूसरी लहर
  • कोविड मरीज के शव को छूने से खौफ
  • एक्सपर्ट ने दिए सभी सवालों के जवाब

कोरोना की दूसरी लहर ने इस वक्त भारत में घातक रूप ले लिया है, हर ओर त्राहिमाम है. देश में लाखों की संख्या में हर रोज़ नए मामले आ रहे हैं, जबकि हजारों की संख्या में मौत दर्ज हो रही हैं. ऐसे संकट काल में लोगों के मन में कई सवाल भी हैं.

ऐसे वक्त में जब हर जगह कोरोना से मौत की खबरें आ रही हैं, लोगों के मन में ये भी डर है कि क्या किसी व्यक्ति की अगर कोरोना से मौत होती है, तो उसकी डेड बॉडी के छूने या फिर उसके नज़दीक जाने से उन्हें कोरोना हो सकता है. इस सवाल पर एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं, समझिए.

इंडिया टुडे की कोविड हेल्पलाइन पर एम्स में कार्यरत रहे डॉ. प्रवीण गुप्ता ने कोविड से जुड़े कई सवालों का जवाब दिया है. इसी चर्चा के दौरान एक सवाल हुआ कि क्या जिनकी मौत कोरोना के कारण हुई है, तो उनकी डेड बॉडी को छूने से कोरोना हो सकता है?

इसपर डॉ. प्रवीण गुप्ता ने कहा, ‘जब भी किसी कोरोना मरीज की मौत होती है, तो उनकी डेड बॉडी को रैप करके दिया जाता है, ऐसे में उनसे कोरोना फैलने का रिस्क कम होता है. कोरोना हवा के द्वारा फैलता है, डेड बॉडी कोई सांस नहीं लेती है, ना ही खांसती है या छींकती है, ऐसे में किसी डेड बॉडी से कोरोना नहीं होता है’.

Advertisement



हालांकि, डॉ. प्रवीण गुप्ता ने कहा कि अगर आप किसी डेड बॉडी को छूते हैं, तो आप हाथ जरूर धोएं और सभी कोविड गाइडलाइन्स का पालन जरूर करें. 

गौरतलब है कि ये सवाल ऐसे वक्त में काफी अहम हो जाता है, जब देश में कई मामले ऐसे आ रहे हैं जहां अगर किसी व्यक्ति की कोरोना से मौत हो जा रही है, तो उनके परिजन शव को नहीं ले रहे हैं. ऐसे में कई जगह अनजान लोग या प्रशासन ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा कर रहे हैं. यानी अगर आप सभी कोविड गाइडलाइन्स का पालन करें तो कोरोना होने का खतरा कम होता है. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement