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पलायन पर बोलीं मायावती- अब मजदूरों को जीने के लिए न्याय चाहिए

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि आमजनता अपनी इस अभूतपूर्व दुर्दशा व बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा व तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाए. उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए.

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2020,
  • अपडेटेड 8:53 AM IST

  • SC के फैसले का मायावती ने किया स्वागत
  • बोलीं- सरकार की नीयत की असली परीक्षा

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने प्रवासी मजदूरों के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया. मायावती ने कहा कि बीएसपी की इस मांग की सरकार अनदेखी कर रही है, आमजनता अपनी इस अभूतपूर्व दुर्दशा व बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा व तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाए. उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए.

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मायावती ने अपने ट्वीट में कहा, 'देश में पिछले 66 दिन से लॉकडाउन के कारण हर प्रकार की उपेक्षा और तिरस्कार से पीड़ित जैसे-तैसे घर लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अन्ततः कोर्ट को कहना पड़ा कि रेल या बस से उन्हें फ्री घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है. बीएसपी की इस मांग की सरकार अनदेखी करती रही है.'

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आगे मायावती ने कहा, 'खासकर यूपी और बिहार में घर वापसी कर रहे इन बेसहारा लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की मूलभूत समस्या का समाधान करना केन्द्र व राज्य सरकारों का अब पहला कर्तव्य बनता है. इन्हें इनके घर के आसपास स्थाई रोजगार उपलब्ध कराना ही सरकार की नीयत, नीति व निष्ठा की असली परीक्षा है.'

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आर्थिक पैकेज पर मायावती ने कहा, 'वास्तव में केन्द्र ने देर से ही सही 20 लाख करोड़ रुपये का जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है, उसके भी जनहित में उचित उपयोग की परीक्षा अब यहां होनी है. आमजनता अपनी इस अभूतपूर्व दुर्दशा व बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा व तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाए. उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए.'

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