
कोरोना के खिलाफ रूस ने बड़ी पहल कर दी है. रूसी वैक्सीन स्पूतनिक का अब नेजल वर्जन भी सामने आ गया है. रूस की तरफ से बताया गया है कि उसने दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन का निर्माण कर दिया है. ये स्पूतनिक वैक्सीन का ही एक नया रूप है.
रूस ने बनाई पहली नेजल वैक्सीन
लंबे समय से रूस द्वारा इस नेजल वैक्सीन का ट्रायल चल रहा था. कुछ दूसरे देश भी इस दिशा में काम कर रहे थे. लेकिन सबसे पहले सफलता हासिल करने वाला देश अब रूस बन गया है. कहा जा रहा है कि नेजल वैक्सीन के आने से कोरोना के खिलाफ जारी दुनिया की ये जंग और ज्यादा आसान हो सकती है. अब जानकारी के लिए बता दें कि नेजल वैक्सीन नाक के जरिए दी जाती है. इसे इंट्रानेजल वैक्सीन भी कहा जाता है. जो वैक्सीन मांसपेशियों में इंजेक्शन के जरिए दी जाती है, वो इंट्रामस्कुलर वैक्सीन होती है. बताया जा रहा है कि ये नेजल वैक्सीन एक स्प्रे की तरह दी जा सकती है.
भारत भी कर रहा तैयारी
वैसे भारत भी कोरोना के खिलाफ एक नेजल वैक्सीन तैयार कर रहा है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई मौकों पर इसका जिक्र कर चुके हैं. ये वैक्सीन भारत बायोटेक द्वारा वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) के साथ मिलकर तैयार की जा रही है. इंजेक्शन वाली वैक्सीन की तुलना में इसके ज्यादा फायदे माने जा रहे हैं. एक्सपर्ट ये भी कह रहे हैं कि इस वैक्सीन का लोगों पर कम साइड इफेक्ट रहेगा और इसकी वजह से इंजेक्शन और सुई का कचरा भी कम रहेगा.
नेजल वैक्सीन के अलावा इस समय डीएनए वैक्सीन पर भी तेजी से काम चल रहा है. इस रेस में भारत ने तेज गति पकड़ रखी है. जायडस कैडिला कंपनी द्वारा पहली डीएनए वैक्सीन तैयार की जा रही है. बताया जा रहा है कि फार्माजेट तरीके से इस वैक्सीन को आसानी से लगाया जा सकता है.
कई देशों में कोरोना की फिर दस्तक
वैसे नेजल से डीएनए वैक्सीन तक पर चर्चा उस समय तेज हो गई है जब दुनिया के कई देशों में कोरोना ने एक बार फिर अपनी जोरदार दस्तक दी है. एक तरफ अमेरिका और यूरोपीय देशों में कोरोना मामलों में बढ़ोतरी दिख रही है तो चीन में भी नए मामलों की संख्या में रिकॉर्ड उछाल देखने को मिल रहा है. ऐसी परिस्थिति में वैक्सीन ही कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार साबित हो सकती है.