
भारत सरकार कोरोना वायरस के खिलाफ अब डिजिटल मोर्चे से भी लड़ाई करेगी. इसके लिए 'आरोग्यसेतु' नाम से एक ऐप तैयार किया गया है. इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद सरकार को ऐसे लोगों को ढूंढने में मदद मिलेगी जो देश में Covid-19 पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए हुए हो सकते हैं.
कैसे काम करेगा आरोग्यसेतु?
पहला कदम नाम, उम्र और फोन नंबर जैसी जानकारी जुटाना होगा. फिर OTP ऑथेंटिकेशन हो जाने के बाद ऐप का मेन स्क्रीन खुलेगा और लोकेशन सेटिंग हर वक्त ऑन रखने की जरूरत बताएगा. लोकेशन सेटिंग कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और ट्रैक मूवमेंट के लिए बहुत अहम है. इसमें ट्रेसिंग नक्शा आधारित एल्गोरिथम्स के जरिए होती है.
एक बार स्मार्ट फोन पर ऐप इंस्टॉल होने के बाद ये नजदीक आने पर उन डिवाइस की खुद ही पहचान कर लेता है जिन पर 'आरोग्यसेतु' पहले से इंस्टॉल है. इसके बाद ऐप संक्रमण के जोखिम की गणना करता है. ये गणना इन पैमानों के आधार पर होती है कि क्या इनमें से कोई कॉन्टैक्ट पॉजिटिव टेस्ट आ चुका है. मेन स्क्रीन पर ऐप फिर जोखिम के किए हुए आकलन को दिखाएगा.
आपको कितना जोखिम है ये जानने के लिए आप सेल्फ असेसमेंट टेस्ट पर टैप कर सकते हैं. सेल्फ असेसमेंट टेस्ट स्क्रीन फिर कई सवाल पूछेगा. जैसे कि उम्र, खांसी-बुखार जैसे लक्षण हैं तो उनकी जानकारी आदि. ऐप ये भी पूछेगा कि क्या आपने बीते 14 दिन में कोई विदेश यात्रा की है? ऐप जानना चाहेगा कि क्या आप ऐसे किसी शख्स के संपर्क में आए जो हाल-फिलहाल में विदेश यात्रा से लौटा हो? या फिर क्या आप हेल्थवर्कर हैं. जब आप सब विकल्प पूरे कर देंगे तो ऐप बताएगा कि Covid-19 से संक्रमित होने का आपको कितना जोखिम है-कम, औसत या ज्यादा.
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अगर जोखिम ज्यादा या मध्यम है तो ऐप टेस्ट की सलाह देगा. इसके लिए हर राज्य का हेल्पलाइन नंबर दिखेगा. ऐप उन सरकारी और प्राइवेट लैब्स की भी लिस्ट दिखाएगा जहां टेस्टिंग की सुविधा है.
ये गौर करना जरूरी है कि ऐप का खुद से कोई Covid-19 टेस्ट नहीं है. ऐप आपकी लोकेशन के हिसाब से अलर्ट जारी करेगा. इसके लिए ऐप आप जहां मौजूद हैं उस इलाके के सोशल ग्राफ का सहारा लेगा.
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सरकार के मुताबिक, ऐप के डिजाइन में निजता की रक्षा का खास ध्यान रखा गया है. ऐप की ओर से एकत्र निजी डेटा एनक्रिप्टेड होता है और तभी तक फोन पर रहता है जब तक मेडिकल दखल की सुविधा की जरूरत नहीं होती.
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