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क्या बच्चों को लगाई जाएगी कोरोना वैक्सीन? एक्सपर्ट कमेटी ने दिया यह जवाब

सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर समूहों का चयन किया है. जिनके कोरोना से संक्रमित होने का खतरा अधिक है, पहले उनको वैक्सीन दी जाएगी.

बच्चों को नहीं दी जाएगी कोरोना वैक्सीन (सांकेतिक फोटो) बच्चों को नहीं दी जाएगी कोरोना वैक्सीन (सांकेतिक फोटो)
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:13 AM IST
  • बच्चों को नहीं दी जाएगी कोरोना वैक्सीन
  • 18 साल से अधिक उम्र के लोगों पर किया गया ट्रायल
  • स्वास्थ्यकर्मियों को दी जाएगी सबसे पहले वैक्सीन

भारत में अगले साल जनवरी महीने से वैक्सीनेशन की शुरुआत हो सकती है. लेकिन क्या कोरोना से बचाव के लिए बच्चों में भी वैक्सीनेशन किया जाएगा? इस सवाल के जवाब में भारत में वैक्सीन के लिए बनी वैक्सीन एक्सपर्ट कमेटी के अध्यक्ष और नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि फिलहाल बच्चों को कोरोना वैक्सीन नहीं दी जाएगी.

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उन्होंने कहा कि अगर कुल कोरोना मामलों को देखा जाए तो ज्यादातर केस बड़ी उम्र के लोगों में देखने को मिले हैं. इसके अलावा अभी बच्चों के ऊपर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल भी नहीं किया गया है. फिलहाल बच्चों में कोरोना वैक्सीनेशन की कोई आवश्यकता नहीं है. 

क्या सबको एक साथ वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी? इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर समूहों का चयन किया है. जिनके कोरोना से संक्रमित होने का खतरा अधिक है, पहले उनको वैक्सीन दी जाएगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मी और अन्य कोरोना वॉरियर्स को वैक्सीन दी जाएगी. इसके बाद दूसरे समूह में 50 साल से अधिक उम्र के लोग और कोमॉर्बिड कंडीशंस वाले 50 साल से कम उम्र के लोग होंगे.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि 50  साल से अधिक उम्र के लोगों को भी शुरू में टीका लगाया जा सकता है, लेकिन यह टीके की उपलब्धता पर निर्भर करेगा. मंत्रालय के मुताबिक 28 दिन के अंतराल पर वैक्सीन की दो डोज दी जाएंगी. वैक्सीनेशन कराने वाले व्यक्ति के शरीर में वैक्सीन लगवाने के दो हफ्ते बाद पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडीज विकसित हो जाएंगी. भारत में जो वैक्सीन आएगी, वह दूसरे देशों जितनी ही असरदार होगी. वैक्सीनेशन अनिवार्य होगा या व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा, इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि यह स्वैच्छिक होगा.

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का कहना है कि भारत में जनवरी में वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है. नए साल के पहले महीने में कभी भी भारत में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा सकती है. केंद्रीय मंत्री ने इसी के साथ सरकार की वैक्सीन को लेकर तैयारी के बारे में बताया. 

डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक, भारत सरकार वैक्सीन के मामले में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहती है. जो वैक्सीन सबसे सही, सटीक होगी उसे ही प्राथमिकता दी जाएगी. सरकार का लक्ष्य सही वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचाना है. 

30 करोड़ लोगों तक कोरोना वैक्सीन का टारगेट

वैक्सीन किसे और कैसे दी जाएगी, इस सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमने एक्सपर्ट का एक ग्रुप बनाया था जिन्होंने लंबा मंथन किया, साथ ही दुनिया में जो ट्रेंड चल रहा है, उसी के आधार पर भारत में शुरू में 30 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने का लक्ष्य है.

डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक, इन 30 करोड़ लोगों में करीब 1 करोड़ हेल्थ वर्कर, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर (पुलिस, सफाई कर्मचारी, सेना आदि) शामिल हैं. जबकि करीब 26 करोड़ लोग ऐसे चिन्हित हैं जिनकी उम्र 50 से अधिक है, इसके अलावा 1 करोड़ ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनकी उम्र 50 से कम है लेकिन वो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं.

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