
कोरोना के प्रकोप के बीच देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी हो गई है. कई राज्यों में वैक्सीन ना होने की वजह से टीकाकरण रुका हुआ है. दिल्ली हो या महाराष्ट्र, कई राज्यों की सरकारों ने इसके लिए केंद्र को ज़िम्मेदार ठहराया है. शुक्रवार को विपक्ष के कई नेताओं ने केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति पर सवाल खड़े किए और जमकर निशाना साधा.
विदेश वैक्सीन भेजने पर भड़के सिसोदिया
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर लिखा कि जिस डोमिनिका को हम अपने बच्चों के हिस्से की वैक्सीन बेचकर इतरा रहे थे वो ना सिर्फ हमारे अपराधियों को पनाह दे रहा है बल्कि पकड़े जाने पर आसानी से यहां लाने भी नहीं दे रहा. मनीष सिसोदिया ने इसे वैक्सीन नीति और विदेश नीति का फेलियर करार दिया.
प्रियंका ने जीएसटी को लेकर निशाना साधा
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. प्रियंका गांधी ने कहा कि महामारी के समय एंबुलेंस, बेड, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, दवाइयों, वैक्सीन के लिए परेशान हुए लोगों से कोविड संबंधित उत्पादों पर GST वसूलना निर्दयता व असंवेदनशीलता है.
प्रियंका ने कहा कि आज GST काउंसिल में सरकार को कोविड से लड़ाई में इस्तेमाल हो रही सभी जीवनरक्षक दवाइयों व उपकरणों पर से GST हटाना चाहिए. प्रियंका गांधी के अलावा कई अन्य नेताओं ने भी कोविड से जारी लड़ाई में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों पर लगने वाले भारी टैक्स को हटाने की मांग की थी.
संजय निरुपम का सवाल- क्या जुमला था मुफ्त टीकाकरण?
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने वैक्सीन के अलग-अलग दाम को लेकर निशाना साधा है. संजय निरुपम ने लिखा कि मुंबई में 150 या 250 रुपये की वैक्सीन 1000 रुपये में लग रही है. निजी अस्पताल वैक्सीन बांट रहे हैं, बीजेपी के विधायक उनके साथ मिलकर ये अभियान चला रहे हैं.
संजय निरुपम ने सवाल किया कि अगर वैक्सीन की किल्लत है तो यह धंधा कैसे शुरू हो गया? मुफ्त वैक्सीनेशन सेंटर पर पर्याप्त वैक्सीन क्यों नहीं है? कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या मुफ्त वैक्सीनेशन जुमला था?
आपको बता दें कि भारत में इस वक्त दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है. लेकिन इसकी रफ्तार सुस्त है, देश में औसतन हर रोज मात्र 25 लाख टीके लग पा रहे हैं. अभी तक देश में 20 करोड़ से अधिक टीके लग पाए हैं.