
कोरोना वैक्सीन को लेकर लगातार कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जिसका असर वैक्सीनेशन पर भी देखा जा रहा है. ऐसी ही एक अफवाह को सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गलत करार दिया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ऐसा कोई भी वैज्ञानिक सबूत नहीं है जो साबित करता हो कि कोरोना वैक्सीन के कारण बांझपन होता है. ऐसे में इस तरह की बातों पर ध्यान ना दिया जाए.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बयान में कहा गया कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में चिंता व्यक्त की गई थी कि वैक्सीनेशन के कारण पुरुषों, महिलाओं में बांझपन की दिक्कत पैदा हो सकती है.
मंत्रालय का कहना है कि पिछले कुछ वक्त में मीडिया रिपोर्ट्स में फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स में अंधविश्वास और अन्य बातों की चिंता को लेकर मुद्दा उठाया गया था. पोलियो और अन्य वैक्सीनेशन ड्राइव के दौरान भी इस तरह की चीज़ें सामने आई थीं.
अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि वैक्सीन के कारण बांझपन नहीं होता है, सभी वैक्सीन को पहले ही टेस्ट किया गया है, हर तरह से परखा जा चुका है. इनकी विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं.
आपको बता दें कि हाल ही में वैक्सीनेशन को लेकर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ने ये अपील की थी कि गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी टीकाकरण ज़रूरी है और बच्चों की सेफ्टी की लिहाज़ से ये अहम भी है.
देश में जारी मिशन वैक्सीनेशन के बीच कई तरह की रुकावटें आ रही हैं. कई ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन के प्रति डर फैला हुआ है, कोई अंधविश्वास को मान रहा है, ऐसे में टीकाकरण को लेकर लगातार गलत जानकारी ना फैलाने की अपील की जा रही है.
देश में अभी टीकाकरण अभियान तेज़ी से आगे भी बढ़ रहा है. सोमवार को ही देश में 86 लाख से अधिक वैक्सीन की डोज़ दी गई हैं, जो अभी तक का रिकॉर्ड है.