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केंद्र की वैक्सीन नीति पर कांग्रेस ने उठाए 5 सवाल, चिदंबरम ने सरकार से मांगा जवाब

कोरोना के कहर के बीच देश में टीकाकरण अभियान भी जारी है. कांग्रेस ने मौजूदा टीकाकरण अभियान पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने टीकाकरण नीति पर पांच आपत्तियां दर्ज कराई हैं.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
आनंद पटेल
  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST
  • चिदंबरम ने वैक्सीन नीति पर दर्ज कराई आपत्ति
  • मोदी सरकार से सवाल पूछकर मांगा जवाब

देश में कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक हो गई है. हर रोज लाखों केस सामने आ रहे हैं और हजारों लोग जान गंवा रहे हैं. कोरोना के कहर के बीच देश में टीकाकरण अभियान भी जारी है. कांग्रेस ने मौजूदा टीकाकरण अभियान पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने टीकाकरण नीति पर पांच आपत्तियां दर्ज कराई हैं.

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कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्तमान टीकाकरण नीति में टीके की कमी और अन्य कमियों की समस्या को स्वीकार किया है, जबकि हम नीति में किए गए सकारात्मक बदलावों का स्वागत करते हैं, हम यह बताने के लिए विवश हैं कि संशोधित टीका नीति कई महत्वपूर्ण मामलों में प्रतिगामी और असमान है.

ये है कांग्रेस की पांच आपत्तियां

1. कांग्रेस का कहना है कि संशोधित वैक्सीन नीति के तहत केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि लोग टीकाकरण की जिम्मेदारी और लागत वहन करेंगे, केंद्र सरकार ने गरीबों को टीकाकरण कार्यक्रम से बाहर कर दिया है, प्रवासी मजदूर जो दूसरे राज्यों में रहते हैं और काम करते हैं और हमारे शहरों की अर्थव्यवस्था की जीवनदायिनी हैं, इस निर्देश से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.
 
2. कांग्रेस का कहना है कि राज्यों को वैक्सीन खरीदने की छूट दी गई है, लेकिन राज्यों के लिए एक मूल्य तय नहीं किया गया है, इससे केंद्र सरकार वैक्सीन के दाम और मुनाफाखोरी को बढ़ाने का रास्ता दे रही है. केंद्र के इस फैसले से सीमित संसाधनों वाले राज्य काफी नुकसान में रहेंगे, पहले से कई तरह के नुकसान झेल रहे राज्यों को यह अतिरिक्त बोझ उठाना होगा. इस बीच कोई नहीं जानता कि पीएम-केअर्स के तहत एकत्र किए गए हजारों करोड़ रुपये कहां दिए जा रहे हैं.
 
3. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति इस बात से इनकार करती है कि समस्या केवल उत्पादन की नहीं है, बल्कि टीकों के वित्तपोषण, खरीद और वितरण और राज्यों के साथ समन्वय की भी है. केंद्र सरकार पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के सुझाव को नजरअंदाज करते हुए संशोधित वैक्सीन नीति में उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्माताओं को धन मुहैया नहीं करा रही है.
 
4. कांग्रेस का कहना है कि संशोधित नीति अन्य घरेलू वैक्सीन निर्माताओं को स्वीकृत टीकों के निर्माण और कुल आपूर्ति में वृद्धि करने की अनुमति देने के लिए अनिवार्य लाइसेंस के लिए कानून में प्रावधानों को लागू नहीं करती है.
 
5. कांग्रेस का कहना है कि संशोधित नीति विदेशी निर्मित अनुमोदित टीकों के आयात की अनुमति देती है, लेकिन इस बात की कोई स्पष्टता नहीं है कि क्या कोई विदेशी निर्माता अपने टीके के निर्यात के लिए सहमत हुआ है और यदि ऐसा है, तो क्या पर्याप्त मात्रा में सहमति वाले शेड्यूल पर आपूर्ति करने का वादा किया गया है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि केंद्र सरकार विदेशी निर्मित टीकों के आयात और उन्हें राज्यों में वितरित करने की पहल करेगी या नहीं.

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