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कोरोना वैक्सीन की जमाखोरी पर बोले हर्षवर्धन- अभी किसी को लाइसेंस नहीं

वैक्सीन टीके की जमाखोरी पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अब तक कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सभी देशों की निगरानी कर रहा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन (फाइल फोटो-PTI) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:28 AM IST
  • अगले साल मार्च तक कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद
  • डोज पर रोडमैप की तैयारी, हर्षवर्धन ने दी जानकारी

कोरोना की बेकाबू रफ्तार के बीच अच्छी खबर आ रही है. भारत में मार्च तक कोरोना की वैक्सीन आने की पूरी उम्मीद है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में दावा किया कि तीन महीने में देसी वैक्सीन आ जाएगी. वैक्सीनाइजेशन का रोडमैप तैयार किया जा रहा है.

वैक्सीन टीके की जमाखोरी पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अब तक कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सभी देशों की निगरानी कर रहा है. पूरी दुनिया में 250 कोरोना वैक्सीन कंपनी हैं. इनमें से 30 की नजर भारत पर है. देश में पांच वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. 

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि 2021 के पहले तीन महीने में हमें वैक्सीन मिलेगी. सितंबर तक 25 से 30 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन दी जाएगी. सबसे पहले हेल्थ वर्कर को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर, पुलिस  और पैलामिलिट्री फोर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी.

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते खतरे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि दिल्ली में दो बार केंद्र सरकार को दखल देना पड़ा. राज्य सरकार की सभी मदद की गई और सभी उपकरण दिए गए हैं. हमें लगता है कि RTPCR टेस्ट की संख्या नहीं बढ़ी है. डोर टू डोर सर्वे दिल्ली हो रहा है. हमने पहले ही 6 लाख से अधिक सर्वे कर लिया है.

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि दक्षिणी राज्यों ने कोरोना को रोकने के लिए ठीक से काम किया है. सुपर स्प्रेडर की पहचान जरूरी है. इसके साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी बहुत जरूरी है. दिल्ली में सर्दी और बढ़े हुए प्रदूषण की चेतावनी दी गई थी. इस चेतावनी पर कई राज्यों ने गंभीरता दिखाई और कोरोना मामले में काफी कमी आई.

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