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कोरोना वैक्सीन: जॉनसन एंड जॉनसन ने ट्रायल पर लगाई रोक, वॉलंटियर में देखी गई बीमारी

जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना को लेकर किए जा रहे अपने क्लिनिकल ट्रायल को अस्थायी रूप से रोक दिया है. कंपनी की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि उसने एक अध्ययन प्रतिभागी में एक अस्पष्टीकृत बीमारी के कारण अपने ट्रायल को अस्थायी रूप से रोक दिया है.

जॉनसन एंड जॉनसन जॉनसन एंड जॉनसन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 9:25 AM IST
  • वॉलंटियर में देखी गई अपुष्ट बीमारी
  • जॉनसन एंड जॉनसन ने रोका ट्रायल

कोरोना के वैक्सीन की उम्मीद लगाए लोगों को एक और झटका लगा है. जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना को लेकर किए जा रहे अपने क्लिनिकल ट्रायल को अस्थायी रूप से रोक दिया है. कंपनी की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि उसने एक अध्ययन प्रतिभागी में एक अस्पष्टीकृत बीमारी के कारण अपने ट्रायल को अस्थायी रूप से रोक दिया है. 

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जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि प्रतिभागी की बीमारी की समीक्षा और मूल्यांकन एक स्वतंत्र डेटा और सुरक्षा निगरानी बोर्ड के साथ-साथ कंपनी के क्लिनिकल ​​और सुरक्षा चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है. कंपनी ने कहा कि बड़े ट्रायल में ऐसे अस्थायी रोक चलते रहते हैं, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों पर ट्रायल किया जाता हो.

जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि यह अध्ययन पर रोक लगाई गई है. इसका मेडिकल से जुड़े रेगुलटरी बोर्ड की ओर से ट्रायल को रोके जाने से कोई मतलब नहीं है. जॉनसन एंड जॉनसन का कदम एस्ट्राजेनेका पीएलसी की तरह ही है. सितंबर में, AstraZeneca AZN.L ने अपने वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल पर रोक लगा दी थी.

एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन के एक अध्ययन प्रतिभागी में एक अस्पष्टीकृत बीमारी के कारण अपने ट्रायल पर रोक लगाई थी. हालांकि यूके, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत में परीक्षण फिर से शुरू हो गए हैं, लेकिन अमेरिकी में ट्रायल अभी शुरू नहीं हो पाया है.

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वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में संक्रामक रोगों के प्रोफेसर डॉ. विलियम शेफ़नर ने ईमेल द्वारा कहा कि एस्ट्राज़ेनेका के साथ जो हुआ उससे हर कोई अलर्ट पर है. यह एक गंभीर प्रतिकूल घटना होगी. यदि यह प्रोस्टेट कैंसर, अनियंत्रित मधुमेह या दिल का दौरा पड़ने जैसा कुछ था - उन्होंने इस कारण से ट्रायल नहीं रोका होगा.

गौरतलह है कि पिछले महीने जॉनसन एंड जॉनसन ने अपने वैक्सीन के ट्रायल के दौरान पाया था कि वह कोरोना के खिलाफ इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में काफी असरदार है. इसके बाद कंपनी ने करीब 60 हजार लोगों पर वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल किया, जिसके रिजल्ट इस साल के अंत या 2021 की शुरुआत में आने की उम्मीद है.

 

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