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भारत में कोरोना वैक्सीन के लिए क्या है चुनौती? डिस्ट्रिब्यूशन, साइड इफेक्ट्स पर ये बोले एक्सपर्ट्स

आजतक से खास बातचीत में कैलिफोर्निया (यूएस) में साइंटिस्ट डॉक्टर अमितेष आनंद ने कहा कि इस महामारी की शुरुआत में ही कहा गया था कि साल के अंत तक वैक्सीन आ जाएगी और इस दिशा में सफलतापूर्वक काम भी हो रहा है.

दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है (फाइल फोटो) दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:27 PM IST
  • चीन में आर्मी और हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन दी जा रही: डॉ संजीव चौबे
  • वैक्सीन का इंडिया में डिस्ट्रिब्यूशन बड़ी चुनौती है: डॉक्टर आरसी शर्मा
  • वैक्सीन के लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट को देखना होगा: डॉ विक्रम तलाउलिकर

कोरोना से परेशान हर शख्स के मन में अब एक ही सवाल है, कब मिलेगी इस महामारी से निजात, कब तक आएगा टीका, कहां से आएगा टीका, कितना इफेक्टिव रहेगा टीका. आजतक ने इन सभी सवालों के जवाब दुनिया के टॉप डॉक्टरों से जानने की कोशिश की है. 

आजतक के साथ हुई खास बातचीत में कैलिफोर्निया (यूएस) में साइंटिस्ट डॉक्टर अमितेष आनंद ने कहा कि इस महामारी की शुरुआत में ही कहा गया था कि साल के अंत तक वैक्सीन आ जाएगी और इस दिशा में सफलतापूर्वक काम भी हो रहा है. दुनिया में तीन वैक्सीन का रिजल्ट अब तक अच्छा रहा है. फाइजर, मॉडर्ना की वैक्सीन का सक्सेस रेट 90 पर्सेंट से ज्यादा है, ये इमरजेंसी की स्थिति में देने लायक भी बताया जा रहा है, लेकिन इसके सक्सेस रेट को जानना भी जरूरी है, तभी आगे इसका रिस्पॉन्स अच्छा मिलेगा. 

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सीनियर डॉक्टर संजीव चौबे (शंघाई, चीन) ने कहा कि चीन में आर्मी और हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन दी जा रही है. साथ ही यूएई और ब्राजील को वैक्सीन भेजी गई है, लेकिन फाइजर, आक्सफोर्ड का अभी रिस्पॉन्स अच्छा बताया जा रहा है, लेकिन अभी हमें दिसंबर तक थोड़ा वेट करना चाहिए. हमें लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट देखना है. चीनी वैक्सीन अधिक उम्र वाले पेशेंट में उतना प्रभावी नहीं रहा है, इसलिए थोड़ा इंतजार करना होगा. 

डॉक्टर आरसी शर्मा (पेन्सिलवेनिया, अमेरिका) ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर है, लेकिन अभी चुनौती आगे भी रहेगी. वैक्सीन का इंडिया में डिस्ट्रिब्यूशन बड़ी चुनौती है. वैक्सीन आने के बाद भी हमें मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा क्योंकि वैक्सीन का लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट देखना जरूरी है. भले वैक्सीन जल्द आ रही है, लेकिन साइंटिस्ट इसके डेटा की मॉनिटरिंग करते रहेंगे यानी वैरिफिकेशन अभी बाकी है.

डॉक्टर शेखर मांडे, (डीजी, CSIR दिल्ली) ने कोरोना वैक्सीन को लेकर हुई इस महत्वपूर्ण बातचीत के दौरान कहा कि फाइजर और मॉडर्ना से भारत का अभी कोई करार नहीं हुआ है, इसलिए ये वैक्सीन आने में अभी समय लग सकता है, लेकिन भारत में बन रही वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर है. अभी तक ट्रायल का रिजल्ट अच्छा रहा है. 

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लंदन के सीनियर डॉक्टर विक्रम तलाउलिकर ने कहा कि एक साल के अंदर वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर आ रही हैं. ट्रायल में इन्हें 90 पर्सेंट प्रभावी बताया जा रहा है, लेकिन वैक्सीन बाजार में आने के बाद लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट को देखना होगा. वैक्सीन के अब तक के ट्रायल सफल रहे हैं, जो अच्छे संकेत हैं. 

बता दें कि भारत सरकार वैक्सीन के हर डेवलपमेंट पर बारीकी से नजर रखे हुए है, सभी वैक्सीन निर्माताओं के संपर्क में भी है, अभी ये तय नहीं है कि वैक्सीन की एक डोज होगी, दो डोज होगी या तीन डोज होगी, ये भी तय नहीं है कि इसकी कीमत कितनी होगी. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्री से इस पर बातचीत भी की थी.

 

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