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कोरोना पर हालात ‘बद से बदतर’ होने की चेतावनी, जानिए 1 महीने में कैसे बदल गए हालात, 10 Points

देश में कोरोना वायरस का संकट एक बार फिर गहराता दिख रहा है. बीते कुछ दिनों में जिस तरह हर रोज आने वाले मामलों की संख्या बढ़ी है, उससे सरकार की चिंता भी बढ़ गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि हालात बद से बदतर होने की दिशा में हैं.

कोरोना के केस बढ़ने के साथ सख्ती भी बढ़ाई गई है (फोटो: PTI) कोरोना के केस बढ़ने के साथ सख्ती भी बढ़ाई गई है (फोटो: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 12:02 PM IST
  • देश में कोरोना वायरस का संकट गहराया
  • बद से बदतर होने लगे हैं हालात: स्वास्थ्य मंत्रालय

देश में कोरोना वायरस का संकट एक बार फिर गहराता दिख रहा है. बीते कुछ दिनों में जिस तरह हर रोज आने वाले मामलों की संख्या बढ़ी है, उससे सरकार की चिंता भी बढ़ गई है. यही कारण है कि बीते दिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बात को स्वीकारा की कोरोना पर हालात बद से बदतर होते दिख रहे हैं. 

बीते साल की तरह ही इस बार भी मार्च-अप्रैल में कोरोना ने पूरी तरह करवट बदली है. मौजूदा वक्त में देश में कोरोना को लेकर क्या हालात हैं, दस प्वाइंट में समझें...

1.    बुधवार यानी 31 मार्च तक भारत में एक बार फिर एक्टिव केस की संख्या साढ़े पांच लाख के आंकड़े को पार कर गई है. अभी देश में कुल 5.52 लाख एक्टिव केस हैं. वैसे कुल मामलों की संख्या 1.21 करोड़ है.

2.   अगर एक मार्च की बात करें, तो देश में तब एक्टिव केस की संख्या 1.76 लाख थी. आंकड़ा बताता है कि कैसे मार्च में कोरोना ने अपना विकराल रूप धारण किया और लगातार मामलों की रफ्तार बढ़ती ही जा रही है. 

3.   स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘देश में कोरोना के हालात बद से बदतर की ओर बढ़ रहे हैं, कुछ राज्यों में दिक्कत अधिक है जिससे पूरे देश में खतरा बढ़ रहा है. ऐसे मौके पर लापरवाही हुई तो हालात और चिंताजनक होंगे’.

4.   देश में जिन जिलों में सबसे अधिक कोरोना के एक्टिव केस हैं, उनमें से अधिकतर महाराष्ट्र के ही हैं. अभी पुणे, मुंबई, नागपुर, ठाणे, नासिक, औरंगाबाद, बेंगलुरु अर्बन, नांदेड़, दिल्ली और अहमदनगर में सबसे अधिक मामले हैं. 

5.   कोरोना पॉजिटिव रेट की रफ्तार भी सबसे अधिक महाराष्ट्र में है. जहां देश का औसत अभी 5.65 फीसदी पर है, जबकि महाराष्ट्र का औसत 23 फीसदी तक पहुंच गया है. महाराष्ट्र के बाद दूसरा नंबर पंजाब का है, जहां ये औसत 8.82 फीसदी है.

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फोटो: PTI


6.    महाराष्ट्र में बिगड़ते हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 17 फरवरी को यहां एक दिन में पांच हजार औसत के हिसाब से केस आ रहे थे. जो 20 मार्च तक आंकड़ा 40 हजार केस तक पहुंच गया है. मार्च के आखिरी 10 दिनों में महाराष्ट्र में हर दिन 30 हजार से अधिक केस आए हैं.

7.    महाराष्ट्र में एक मार्च को 80 हजार से कम कोरोना के एक्टिव केस थे, जो 31 मार्च को साढ़े तीन लाख तक पहुंच गए हैं. यानी देश में एक्टिव केस का करीब 70 फीसदी सिर्फ महाराष्ट्र से ही है.

8.    महाराष्ट्र के बाद पंजाब का डाटा चिंता बढ़ा रहा है. फरवरी में यहां औसतन 300 केस प्रतिदिन आ रहे थे, मार्च में ये आंकड़ा 2700 तक पहुंच गया. वहीं, हर रोज मौत का आंकड़ा जो 8 पर रुका था वो अब फिर 50 को पार कर चुका है. 

9.    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अभी देश में करीब 47 जिले ऐसे हैं जहां पर सबसे अधिक जोर देने की जरूरत है और यहां पर RT-PCR टेस्ट की संख्या बढ़ानी होगी. 

10.  बीते एक महीने में देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ी है. एक मार्च को ही वैक्सीनेशन के दूसरे फेज का आगाज हुआ था. अब 31 मार्च तक भारत में 6.30 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं. 

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