
इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS), DRDO की एक अन्य प्रमुख जीवन विज्ञान प्रयोगशाला है. दिल्ली स्थित INMAS में टेस्टिंग के अलावा बॉडी सूट और मास्क के मूल्यांकन की भी सुविधा है और पूरी तरह से चालू है. इन चीजों के 10 से अधिक बैचों का पहले ही प्रयोगशाला में परीक्षण किया जा चुका है.
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रक्षा अनुसंधान विकास प्रतिष्ठान (DRDE), ग्वालियर जो खतरनाक कोरोना (कोविड 19) वायरस से लड़ने में अग्रणी रहा है. अब एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड को विदेश से आने वाले मास्क और बॉडी सूट के लेबल दावों की पुष्टि करने का काम सौंपा गया है. एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड की ओर से पुष्टि किए जाने के बाद ही इसे अन्य एजेंसियों को वितरित किया जाएगा.
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दूसरी ओर, चीन के गोंगझाउ एयरपोर्ट से गुरुवार सुबह कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली किट्स की खेप भारत के लिए रवाना कर दी गई है. इस खेप में 6,50,000 टेस्टिंग किट्स शामिल हैं.
इसके अलावा चीन से भारत के लिए रवाना इस खेप में रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट और आरएनए एक्सट्रैक्शन किट्स भी शामिल है. हालांकि इस बीच दुनिया भर के कई देशों ने चीन से मंगाए जाने वाले सामान पर घटिया क्वालिटी के हाने का आरोप लगाया है.
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भारत की तरफ से ऐसी कोई शिकायत सामने नहीं आई है, लेकिन यूरोप के कई देशों ने इस पर चिंता जताई है. भारत चीन ही नहीं बल्कि दक्षिण कोरिया से भी टेस्टिंग किट्स मंगवाने के लिए संपर्क कर रहा है. इसके अलावा इंग्लैंड, मलेशिया, फ्रांस और कनाडा समते कई अन्य देशों से जांच किट को लेकर कोटेशन लिए गए हैं.