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कोरोना: क्या कुंभ के सुपर स्प्रेडर बनने का खतरा है? स्वास्थ्य विभाग ने दिया ये जवाब

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगाह किया है कि अगले चार सप्ताह कोरोना के लिहाज से काफी अहम रहने वाले हैं. वहीं, उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित कुंभ को लेकर भी सरकार से सवाल किया गया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीके पॉल. (फोटो-एएनआई) प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीके पॉल. (फोटो-एएनआई)
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 11:53 PM IST
  • अगले चार सप्ताह काफी अहम- स्वास्थ्य मंत्रालय
  • स्वास्थ्य मंत्रालय बोला- देश में कोरोना की दूसरी लहर

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगाह किया है कि अगले चार सप्ताह कोरोना के लिहाज से काफी अहम रहने वाले हैं. वहीं, उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित कुंभ को लेकर भी सरकार से सवाल किया गया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण से सवाल किया गया कि क्या कुंभ के सुपर स्प्रेडर बनने की कोई आशंका है, इस पर उन्होंने जवाब दिया ''कुंभ के आयोजन की अवधि पहले ही घटा दी गई है. आमतौर पर कुंभ साढ़े तीन-चार महीने तक चलता है जिसे इस बार घटाकर एक महीना कर दिया गया है. जहां तक सुपर स्प्रेडर इवेंट्स का सवाल है तो केंद्र की तरफ से विशेष रूप से कुंभ के लिए SOP जारी की गई है.''

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नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि उम्मीद है कि ऐसे आयोजनों के दौरान एसओपी का पालन किया जा रहा होगा.

अगले चार सप्ताह काफी अहम

वीके पॉल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है. ऐसे में अगले चार सप्ताह काफी अहम रहने वाले हैं. हमें कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से गुजरना ही होगा. हमें इसे हराना होगा और एक बार फिर से इस वायरस के खिलाफ जंग जीतनी होगी. वैक्सीनेशन को लेकर राजेश भूषण ने कहा कि हमने कोरोना से ज्यादा प्रभावित राज्यों में पहले से ही ढील दी हुई है. पात्र लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर जाकर खुद से वैक्सीन लगवाने की छूट दी गई है. कई कंपनियों ने ऐलान किया है कि वो अपने कर्मचारियों के वैक्सीनेशन का खर्चा उठाएगी अगर उन्हें प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन लगती है तो 250 रुपये की रकम का भुगतान कंपनियां करेंगी.

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रिइंफेक्शन के 1 प्रतिशत मामले

आईसीएमआर के डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि विश्वभर में रिइंफेक्शन के एक प्रतिशत मामले हैं. एक बार टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद दोबारा आप नेगेटिव हो जाते हैं और फिर 100 दिन के अंदर अगर आपको फिर से संक्रमण हो जाता है तो ये रिइंफेक्शन है.

 

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