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कोरोना: टीकाकरण को लेकर सरकार ने राज्यों को किया आगाह, कहा- दिख सकते हैं प्रतिकूल प्रभाव

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जिन देशों में टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है, विशेष रूप से ब्रिटेन में, वहां पहले दिन प्रतिकूल घटनाएं हुईं. इसलिए, यह आवश्यक है कि राज्य इसके लिए भी तैयारी करें.

भारत में टीकाकरण कार्यक्रम पर हो रहा काम (फोटो- PTI) भारत में टीकाकरण कार्यक्रम पर हो रहा काम (फोटो- PTI)
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST
  • सरकार कर रही टीकाकरण कार्यक्रम की तैयारी
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी तैयारियों की जानकारी
  • 'कई राज्यों में कोरोना की स्थिति में सुधार हुआ'

भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है. वैक्सीन के आने के बाद टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होगा, जिसके लिए सरकार तैयारियों में जुट गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीकाकरण के तैयारियों की जानकारी दी गई. इस दौरान राज्यों को भी आगाह किया गया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि टीकाकरण के बाद कुछ प्रतिकूल प्रभाव दिख सकते हैं. यह आवश्यक है कि राज्य इसके लिए भी तैयारी करें.

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स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाएं एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. जब हम टीकाकरण कार्यक्रम करते हैं, जो दशकों से किया जा रहा है, उसमें बच्चों और गर्भवती महिलाओं में टीकाकरण के बाद कुछ प्रतिकूल प्रभाव देखे जाते हैं. इसलिए, जब कोविड-19 टीकाकरण शुरू होगा, तो हम किसी प्रतिकूल घटना की संभावना से इनकार नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा कि जिन देशों में टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है, विशेष रूप से ब्रिटेन में, वहां पहले दिन प्रतिकूल घटनाएं हुईं. इसलिए, यह आवश्यक है कि राज्य इसके लिए भी तैयारी करें.

राजेश भूषण ने कहा कि टीकाकरण के लिए 29 हजार कोल्ड चेन प्वाइंट, 240 वॉक-इन कूलर, 70 वॉक-इन फ्रीजर, 45 हजार आइस-लाइन्ड रेफ्रिजरेटर, 41 हजार डीप फ्रीजर और 300 सोलर रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल होगा. उन्‍होंने कहा कि राज्‍य सरकारों के पास पहले ही ये उपकरण पहुंच चुके हैं.

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राजेश भूषण ने कहा कि वैक्सीन रोल आउट योजना के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर पर 23 मंत्रालय और विभागों की पहचान की गई है. देश भर में 633 जिलों में टास्क फोर्स की बैठकें हो रही हैं. उन्होंने कहा कि शारीरिक प्रशिक्षण चल रहा है. ट्रेनर्स को भी ट्रेनिंग दी जा रही है. 

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वहीं, भारत में कोरोना की स्थिति पर राजेश भूषण ने कहा कि कई राज्यों में स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन दिल्ली, केरल और पंजाब में मृत्यु दर ज्यादा है. उन्होंने कहा कि भारत में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोरोना मामलों की संख्‍या सबसे कम है. देश में 10 लाख की आबादी पर कोरोना के मामले 7178 हैं. जबकि प्रति 10 लाख आबादी का वैश्विक औसत 9000 है.

एक और वैक्सीन को मिली अनुमति

वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने दिल्ली में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर संतुष्टि जताई. उन्होंने कहा कि हम यह देख कर खुश हैं कि दिल्ली में स्थिति बेहतर हुई है. हम दिल्ली सरकार और अन्य सरकारों को बधाई देते हैं जिन्होंने हाल के समय में संक्रमण को रोकने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. 

डॉ. पॉल ने कहा कि इस सप्ताह ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत की एक और संभावित वैक्सीन के लिए क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति दी है. उन्होंने बताया कि यह वैक्सीन Genoa कंपनी ने भारत सरकार की रिसर्च एजेंसी डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की मदद से तैयार की है. उन्होंने बताया कि इस वैक्सीन के निर्माण में उसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो फाइजर की वैक्सीन में है. 

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