
कोरोना संकट काल में लाखों लोगों ने अपनों को खोया है, लेकिन सबसे बड़ा दुखों का पहाड़ छोटे बच्चों पर टूटा है. नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को लेकर जानकारी दी गई है. आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2020 के बाद देश में कुल 1742 बच्चे हैं जो अनाथ हो गए हैं.
NCPCR के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना काल में करीब 7464 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने अपने दोनों में से किसी एक अभिभावक को खोया है. जबकि इसी दौरान कुल 140 बच्चों को ऐसे ही छोड़ दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते ही NCPCR से आंकड़ा मांगा था कि कोरोना संकट काल में कितने बच्चे अनाथ हुए हैं. अब ये नंबर दिए गए हैं. NCPCR ने मंगलवार को इस मामले में अपना हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया. इसमें बच्चों पर नज़र रखने के लिए 6 स्टेप्स के बारे में बताया गया है.
जो बच्चे अनाथ हुए हैं, उनमें सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश से हैं. यहां 318 बच्चे अनाथ हुए हैं, जबकि 104 को छोड़ दिया गया है. वहीं, जिन बच्चों के मां या बाप में से कोई एक बिछड़ गया है, उनमें से सबसे ज्यादा बच्चे उत्तर प्रदेश (1830) से हैं.
बच्चों पर टूटा दुखों का पहाड़...
कोरोना काल में देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां किसी छोटे-से बच्चे को मां-बाप कोरोना की भेंट चढ़ गए. या किसी बच्चे की मां या बाप दुनिया को छोड़कर चला गया. कई परिवारों में माता-पिता ने अपने बच्चों को खोया है. छोटे बच्चों के ऊपर से मां-बाप का साया उठ जाने के बाद सबसे बड़ा संकट उनके भविष्य पर है.
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केंद्र समेत कई सरकारों ने किया ऐलान
केंद्र सरकार ने हाल ही में अनाथ बच्चों के लिए बड़ा ऐलान किया था. केंद्र द्वारा अनाथ बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाया जाएगा, साथ ही 18 साल होने पर बच्चों को छात्रवृत्ति मिलेगी, साथ ही 23 साल की उम्र में होने पर 10 लाख रुपये का फंड मिलेगा. इनके साथ सभी बच्चों को आयुष्मान भारत का कवर दिया जाएगा.
केंद्र सरकार के अलावा देश की कई राज्य सरकारों द्वारा ऐसे बच्चों को लेकर बड़े ऐलान किए गए हैं. उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों का पालन करने का जिम्मा उठाया है, अनाथ बच्चों के गार्जियन को 4 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा. जिन बच्चों का कोई गार्जियन नहीं है, उन्हीं सरकारी संस्थानों में रखा जाएगा. नाबालिग लड़कियों को शादी के लिए रकम दी जाएगी.
मध्य प्रदेश सरकार ने भी ऐसे बच्चों को 5 हजार रुपये की पेंशन देने की बात कही है, इसके अलावा बच्चों की स्कूली-कॉलेज पढ़ाई का खर्च उठाने का भी ऐलान किया गया है.
वहीं, दिल्ली सरकार ने अनाथ बच्चों को 25 साल की उम्र तक पेंशन देने की बात कही है. बच्चों को ढाई हजार रुपये महीने की पेंशन मिलेगी, पढ़ाई मुफ्त में करवाई जाएगी. इसके अलावा कुछ अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी. साथ ही जिन घरों में कमाने वाले की मौत हुई है, दिल्ली सरकार ने उनकी मदद का भी ऐलान किया है.