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कोरोना: ZyCOV-D की सप्लाई सितंबर से होगी शुरू, MD शारविल पटेल ने दी कई अहम जानकारियां

जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को बच्चों के इस्तेमाल के लिए भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई. मंजूरी मिलने के एक दिन बाद जायडस ग्रुप के एमडी डॉ. शारविल पटेल ने शनिवार को ZyCOV-D की सप्लाई और दाम को लेकर कई अहम बातें बताईं.

जायडस बच्चों के लिए भारत की पहली वैक्सीन है. (सांकेतिक तस्वीर) जायडस बच्चों के लिए भारत की पहली वैक्सीन है. (सांकेतिक तस्वीर)
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 4:33 PM IST
  • प्रतिवर्ष 10-12 करोड़ वैक्सीन उत्पादन का प्लान
  • केंद्र सरकार से दाम और संख्या को लेकर होगी चर्चा
  • MD शारविल पटेल ने दी कई अहम जानकारियां

जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को बच्चों के इस्तेमाल के लिए भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई. मंजूरी मिलने के एक दिन बाद जायडस ग्रुप के एमडी डॉ. शारविल पटेल ने शनिवार को ZyCOV-D की सप्लाई और दाम को लेकर कई अहम बातें बताईं.

उन्होंने कहा कि हम अभी छोटे स्तर पर वैक्सीन का उत्पादन कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि सितंबर के मध्य तक हम वैक्सीन की सप्लाई शुरू कर देंगे. अक्टूबर तक हमारी क्षमता एक महीने में एक करोड़ वैक्सीन बनाने की हो जाएगी.

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उन्होंने कहा कि सरकार को वैक्सीन मुहैया कर दी जाएगी. सरकार का बच्चों को वैक्सीनेट करने का क्या प्लान है वह सरकार पर निर्भर करेगा. बच्चों के लिए भी डोज सेम रहेगी. वैक्सीन की तीन खुराक दी जाएगी. हमने आवेदकों के शुरुआत स्टॉक सुरक्षित कर लिए हैं. यूएस से भी हमारे पास मांग आई है. बता दें कि बच्चों के लिए भारत की यह पहली वैक्सीन है.

उन्होंने कहा कि वैक्सीन सुईं मुक्त होगी और इसके लिए सुरक्षा ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा. लैंसेट की जरनल में पहले और दूसरे फेज का रिजल्ट पब्लिश किया गया है. साइड इफेक्ट के लिहाज से किसी भी विषय पर रोक नहीं लगाई गई है. दूसरी डोज के बाद गंभीर संक्रमण से मौत के मामले नहीं देखे गए हैं. पचास से अधिक क्लीनिकल साइटों में अध्ययन किया गया है. इस वैक्सीन को 25 डिग्री के तापमान पर तीन महीनों को लिए स्टोर किया जा सकता है.

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प्रतिवर्ष 10-12 करोड़ वैक्सीन उत्पादन का प्लान

उन्होंने बताया कि कंपनी प्रतिवर्ष 10 से 12 करोड़ वैक्सीन बनाने की प्लानिंग कर रही है. नए प्लांट पूरी तरह से काम कर रहे हैं. यह वैक्सीन निडिल फ्री है और दुनिया में पहली ऐसी वैक्सीन है. स्टडी में 1400  किशोर बच्चों को शामिल किया गया था. इस वैक्सीन की पहली खुराक लगने के बाद दूसरी 28 दिनों पर और तीसरी 56 दिनों पर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन से ट्रिपैनोफोबिया यानी सुई और खून का डर भी नहीं होगा. पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम दो महीने में पूरा हो जाएगा.

दूसरी वैक्सीन पर भी काम 

उन्होंने कहा कि हम दो शॉट वाली वैक्सीन पर भी काम कर रहे हैं. वैक्सीन के दाम को लेकर उन्होंने कहा कि एक महीने में वैक्सीन के दाम तय हो जाएंगे. वैक्सीन का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा सरकार को दिया जाएगा. सरकार से दाम और मात्रा के बारे में चर्चा होनी बाकी है. एक महीने में तस्वीर ज्यादा स्पष्ट हो पाएगी.

 

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