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कोरोना संकट पर पड़ोसी देशों से भिड़ गया चीन, अपने यात्रियों को रोकने पर दो देशों के खिलाफ उठाया ये कदम

अन्य देशों की तुलना में चीन में कोरोना से हालात बेकाबू नजर आ रहे हैं. जिसको देखते हुए जापान और कोरिया ने चीन से आने वाले यात्रियों पर कोरोना प्रतिबंध लागू किये तो अब चीन ने भी पलटवार करते हुए, जापान और साउथ कोरिया के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. पढ़ें ये खबर...

चीन में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. (तस्वीर- Getty) चीन में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. (तस्वीर- Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:47 AM IST

कोरोना संक्रमण चीन में तबाही मचा रहा है. बीजिंग, शंघाई समेत देश के कई हिस्सों में कोविड के मरीजों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. लेकिन इन्हीं खबरों के बीच चीन की तरफ से अपने बॉर्डर खोल देने के फैसले ने सभी देशों को हैरान कर दिया. जिसके बाद कई देश इस बात को लेकर चिंतित हैं कि चीन के इस फैसले से कहीं एक बार फिर महामारी का विकराल रूप ना देखना पड़ जाए. ऐसे में कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगाए, जिसमें जापान और कोरिया भी शामिल हैं. 

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इसी बीच अब खबर है कि चीन ने पलटवार करते हुए साउथ कोरिया और जापान के नागरिकों के लिए शॉर्ट टर्म वीजा जारी करने पर रोक लगा दी है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन के दूतावास ने बयान में कहा है कि साउथ कोरिया में चीन के यात्रियों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. जिसकी वजह से हम ये रोक लगा रहे हैं. साउथ कोरिया अपने भेदभाव भरे यात्रा नियमों में छूट देगा या बदलाव करेगा तो उसी हिसाब से चीन की तरफ से लगाए जा रहे सस्पेंशन में बदलाव करने पर विचार किया जाएगा. साउथ कोरिया और जापान में कोरोना की स्थिति पर बात करें तो वहां हालात लगातार खराब होते नजर आ रहे हैं. 

जीरो कोविड पॉलिसी

 

बता दें कि चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के खत्म होने के बाद कोरोना के केसों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि बीते कुछ सालों से लगे इन कड़े कोरोना प्रतिबंधों से देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है. इस वजह से देश में शी जिनपिंग सरकार को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा है. इसे देखते हुए चीन ने पिछले महीने जीरो कोविड पॉलिसी को वापस लेना पड़ा था.
 

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कोरोना टेस्टिंग अनिवार्य

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों पर COVID-19 टेस्टिंग को अनिवार्य रूप से लागू किया है. जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया और कनाडा की तरफ जाने वाले चीनी यात्रियों को फ्लाइट में सवार होने से पहले कोरोना टेस्टिंग कराना अनिवार्य है.  बता दें कि अमेरिका, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और कई यूरोपीय देशों सहित अन्य देशों ने चीन में संक्रमण पर डेटा की कमी और नए वेरिएंट की आशंका के बीच चीन के यात्रियों पर सख्त COVID-19 उपायों की घोषणा की है. 

World Bank ने घटाया ग्रोथ अनुमान

 

 

चीन में कोरोना (China Corona) के पैर पसारने का असर देश की इकोनॉमी पर दिखना भी शुरू हो गया है. विश्व बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में चीन के विकास दर के अनुमान में बड़ी कटौती की है. मंगलवार को World Bank ने चीन के विकास दर का अनुमान घटाकर 2.7 फीसदी कर दिया. इससे पहले जून 2022 में इसके 4.3 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया था. छह महीनों में 1.6 फीसदी की कटौती की गई है. यही नहीं विश्व बैंक ने कहा है कि अगले साल 2023 में ग्रोथ अनुमान को 8.1 फीसदी से 4.3 फीसदी कर दिया गया है.

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भारत में पैनिक की जरूरत नहीं!

 

चीन में कोरोना केस बढ़ने के चलते भारत भी अलर्ट हो गया है. हालांकि, सरकार दावा कर रही है कि देश हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. लेकिन साथ ही हिदायत भी दे रही है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. कोरोना के खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ जरूरी बैठक की. इसमें शामिल नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बैठक के बाद कहा कि पैनिक की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने भीड़भाड़ में लोगों को मास्क लगाने और बूस्टर डोल जरूर लेने की सलाह दी है.

 

 

 

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