Advertisement

Corona in Delhi: केस बेकाबू...बच्चों पर खतरा... क्या शुरू हो गई चौथी लहर? क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Coronavirus in Delhi: राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे हैं. पॉजिटिविटी रेट भी 5 फीसदी के करीब आ गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 5 फीसदी पॉजिटिविटी रेट चिंताजनक होती है.

दिल्ली में कोरोना के आंकड़े फिर चिंता बढ़ाने लगे हैं. (फाइल फोटो-PTI) दिल्ली में कोरोना के आंकड़े फिर चिंता बढ़ाने लगे हैं. (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST
  • दिल्ली में 4.21% पहुंची पॉजिटिविटी रेट
  • 20 अप्रैल को डीडीएमए ने बुलाई बैठक
  • मास्क को फिर अनिवार्य किया जा सकता है

Coronavirus in Delhi: राजधानी दिल्ली में कोरोना की रफ्तार एक बार फिर डराने लगी है. रविवार को दिल्ली में कोरोना के 517 नए मामले सामने आए. संक्रमण दर 4.21% पर पहुंच गई. राजधानी में जिस तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उससे चौथी लहर की आशंका भी बढ़ गई है. हालांकि, एक्सपर्ट अभी भी यही कह रहे हैं कि नई लहर के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. 

Advertisement

सरकार का कहना है कि अभी घबराने की बात नहीं है, क्योंकि अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या काफी कम है. लेकिन होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. शनिवार तक दिल्ली में 772 मरीज होम आइसोलेशन में थे, जिनकी संख्या रविवार को बढ़कर 964 हो गई. वहीं, 1 अप्रैल को होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों की संख्या 332 थी. 

दिल्ली में कोरोना की रफ्तार किस तेजी से बढ़ रही है, इसे दिल्ली सरकार के आंकड़ों से समझ सकते हैं. गुरुवार को दिल्ली में कोरोना के 325 मामले आए और पॉजिटिविटी रेट 2.39% रही. शुक्रवार को 3.95% पॉजिटिविटी रेट के साथ 366 मामले सामने आए. शनिवार को पॉजिटिविटी रेट 5.33% पर आ गई और मामले 461 पर पहुंच गए. रविवार को संक्रमण दर में कमी जरूर आई, लेकिन नए संक्रमितों की संख्या 50 से भी ज्यादा बढ़ी.

Advertisement

हालांकि, एक चिंता की बात ये भी है कि अभी कोरोना की जांच भी उतनी ज्यादा नहीं हो रही है. रविवार को 12,270 कोविड टेस्ट हुए, जबकि शनिवार को 8,646 जांच हुई थी. इतने कम टेस्ट में भी संक्रमण दर का 5 फीसदी के करीब पहुंचना चिंता बढ़ाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 5 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट का होना 'चिंताजनक' है.

ये भी पढ़ें-- COVID-19 4th Wave: जून में आएगी कोरोना की चौथी लहर! IIT ने किया था दावा, नए वैरिएंट XE ने बढ़ाया डर

बच्चों पर भी मंडरा रहा खतरा...!

दिल्ली और उससे सटे एनसीआर के इलाकों में कई स्कूलों में अब बच्चों के संक्रमित होने के मामले भी सामने आने लगे हैं. स्कूलों में बच्चों के संक्रमित मिलने पर दिल्ली सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है. गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद में भी कई स्कूलों में बच्चे संक्रमित मिले हैं. हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि अभी चिंता की बात नहीं है

एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने न्यूज एजेंसी को बताया कि घबराने जैसी कोई बात नहीं है, क्योंकि पिछली लहरों का डेटा बताता है कि अगर बच्चे संक्रमित हो भी जाते हैं तो उनमें बहुत हल्के लक्षण होते हैं और उनका इलाज भी जल्दी हो जाता है. 

Advertisement

हालांकि, महामारी विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहारिया का कहना है कि बच्चों के कोरोना संक्रमित होने की खबरों पर ध्यान देना इसलिए जरूरी है क्योंकि अब स्कूल खुल चुके हैं. हालांकि, वो ये भी कहते हैं कि स्कूल खुलने से पहले ही सीरो सर्वे के डेटा में सामने आया था कि 70 से 90 फीसदी बच्चे संक्रमित हो चुके हैं. 

वहीं, आईसीएमआर के एडीजी समीरन पांडा ने बताया कि दुनिया भर से जो सबूत सामने आए हैं, वो बताते हैं कि कोरोना फैलाने के लिए स्कूल जिम्मेदार नहीं है. उन्होंने मास्क का इस्तेमाल करने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने बच्चों को भी सलाह दी कि उन्हें स्कूल में अपना शेयर करने से बचना चाहिए. 

लेकिन मामले बढ़ क्यों रहे हैं?

ओमिक्रॉन की वजह से आई तीसरी लहर लगभग थम सी गई थी, लेकिन अब एक बार फिर से संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी है. अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या भले ही न बढ़ रही हो, लेकिन होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. लेकिन इसका कारण क्या है?

एक्सपर्ट मानते हैं कि तीसरी लहर के बाद संक्रमण में गिरावट आने के बाद सारी पाबंदियां हटा ली गई थीं. मास्क पहनने की अनिवार्यता भी दिल्ली में खत्म कर दी गई थी. लोगों की लापरवाहियां भी बढ़ गई थीं. इन्हीं सब वजहों से संक्रमण एक बार फिर बढ़ने लगा है. 

Advertisement

डॉक्टर्स का कहना है कि लोगों को भीड़ जुटाने से बचना चाहिए और मास्क पहनना चाहिए. दिल्ली के LNJP अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने न्यूज एजेंसी से कहा है कि जिन लोगों में लक्षण दिख रहे हैं, उनमें से बड़ी संख्या में अब भी लोग जांच कराने नहीं जा रहे हैं. उन्होंने लोगों से लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराने की अपील की है. 

दिल्ली के सरकारी अस्पताल में इमरजेंसी डिपार्टमेंट की प्रमुख डॉ. रितु सक्सेना का कहना है कि लोगों को भीड़ जुटाने से बचना चाहिए और मास्क पहनने के साथ-साथ सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए.

ये भी पढ़ें-- Corona virus India: कोरोना का हर चौथा नया केस दिल्ली-NCR से, यूपी-हरियाणा-पंजाब के ट्रेंड भी चिंता बढ़ाने वाले

तो कैसे कंट्रोल होगा कोरोना?

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2 अप्रैल को मास्क की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने पर कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा. पहले ऐसा न करने पर 500 रुपये का जुर्माना लगता था.

दिल्ली में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 20 अप्रैल को दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) की बैठक होनी है. इस बैठक में कोरोना की स्थिति पर चर्चा होगी. बताया जा रहा है कि मीटिंग में उस आदेश पर भी चर्चा हो सकती है, जिसमें मास्क न पहनने पर जुर्माना न देने की बात कही थी. माना जा रहा है कि संक्रमण बढ़ने के बाद फिर से मास्क को अनिवार्य किया जा सकता है.

Advertisement

अपोलो हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर एडवाइजर डॉ. सुरनजीत चटर्जी का मानना है कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भले ही कम है, लेकिन संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कड़े उपाय अपनाने चाहिए.  

डॉ. चटर्जी का कहना है कि दिल्ली के हालात को देखते हुए DDMA की बैठक थोड़ी पहले होनी चाहिए थी. उनका कहना है कि मास्क की अनिवार्यता को फिर से लागू किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब सही कदम और कड़े उपाय करना होगा.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement