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दिसंबर 2019 के कोरोना से कितना अलग है नया वैरिएंट, चीन में ज्यादातर लोगों को क्यों हो रहा निमोनिया?

Coronavirus in China: चीन में कोरोना फिर लौट आया है. वहां अब तक की सबसे खतरनाक लहर आई है. मौतें भी बढ़ने लगीं हैं. इस बीच मौतों का आंकड़ा कम किया जा सके, इसके लिए नई गाइडलाइन भी आ गई है. वहीं, चीन के एक्सपर्ट ने बताया कि नया वैरिएंट अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट पर अटैक कर रहा है, जिससे ज्यादातर मरीजों में न्यूमोनिया जैसे लक्षण दिख रहे हैं.

चीन के एक्सपर्ट का कहना है कि नया वैरिएंट अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट पर हमला करता है. (फाइल फोटो-PTI) चीन के एक्सपर्ट का कहना है कि नया वैरिएंट अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट पर हमला करता है. (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST

Coronavirus in China: चीन में कोरोना की अब तक की सबसे खतरनाक लहर आई है. संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. मौतें भी बढ़ने लगीं हैं. अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड नहीं बचे हैं. जमीन पर लेटाकर इलाज किया जा रहा है. कब्रिस्तान के बाहर भी लंबी-लंबी कतार है. 

पर संक्रमण में तेजी की वजह क्या है? इसका कारण ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स- BA.5.2 और BF.7 हैं. ये दोनों सब-वैरिएंट्स कोरोना के बाकी वैरिएंट की तुलना में कहीं ज्यादा संक्रामक हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि नए सब-वैरिएंट्स से संक्रमित होने पर गले में गंभीर संक्रमण, शरीर में दर्द और हल्का या तेज बुखार जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं. 

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इस बीच ये जानकारी भी सामने आई है कि ओमिक्रॉन के ये नए सब-वैरिएंट्स अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी ऊपरी श्वांस नली पर अटैक करता है. ज्यादातर मरीजों में न्यूमोनिया जैसे लक्षण दिख रहे हैं. 

नई लहर में क्या हो रहा है?

चीन के नेशनल हेल्थ कमिशन के सलाहकार वांग गिकियांग ने बताया कि ओमिक्रॉन की वजह से नए मामले बढ़ रहे हैं. हालांकि, ये बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है.

उन्होंने बताया कि दिसंबर 2019 में वुहान में जब कोरोना वायरस आया था, तब ज्यादातर मौतें रेस्पिरेटरी फेल्योर की वजह से हो रही थीं. लेकिन अब नया वैरिएंट अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट पर अटैक करता है, जिससे मरीजों को न्यूमोनिया हो सकता है और कुछ लोगों में ही रेस्पिरेटरी फेल्योर की समस्या आ सकती है.

वांग ने दावा किया कि इलाज के दौरान ये देखा गया है कि ओमिक्रॉन से मौतों का सबसे बड़ा कारण कोई पुरानी बीमारी रही है. यानी, मरने वाले ज्यादातर मरीज ऐसे थे जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. उन्होंने दावा किया कि कोरोना की वजह से रेस्पिरेटरी फेल्योर होने की गुंजाइश बहुत कम है.

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चीन किसे मानेगा कोविड डेथ?

अगर किसी व्यक्ति को कोरोना हुआ है और उसकी मौत हो गई है तो उसे कोविड डेथ में ही गिना जाएगा. दुनिया के ज्यादातर देशों में यही होता है. भले ही फिर मरीज को पहले से कोई गंभीर बीमारी ही क्यों न हो.

लेकिन चीन ने कोविड डेथ को लेकर अपना अलग गणित बनाया है. नेशनल हेल्थ कमिशन ने एक गाइडलाइन जारी की है, जिसमें बताया गया है कि किसे कोविड डेथ माना जाएगा और किसे नहीं? नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अगर संक्रमित होने के बाद किसी मरीज की हार्ट अटैक से मौत हो जाती है तो उसे कोविड डेथ नहीं माना जाएगा. चीन ने इसे 'वैज्ञानिक' तरीका बताया है.

वांग गिकियांग ने बताया कि अगर संक्रमित होने के बाद अगर किसी मरीज की मौत न्यूमोनिया या रेस्पिरेटरी फेल्योर से होती है तो उसे कोविड डेथ में गिना जाएगा. लेकिन अगर संक्रमित होने के बाद किसी मरीज की हार्ट या ब्रेन से जुड़ी बीमारी से मौत होती है तो वो कोविड डेथ नहीं मानी जाएगी.

 

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