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Corona: बच्चों पर कोरोना की नई लहर का बड़ा खतरा, दिल्ली-NCR के ट्रेंड पर जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Coronavirus in India: देश में कोरोना की चौथी लहर का खतरा मंडराने लगा है. नई लहर में बड़ी संख्या में बच्चे भी संक्रमित मिल रहे हैं. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद के कई स्कूलों में बच्चे पॉजिटिव मिले हैं. एक्सपर्ट आने वाले खतरे को लेकर लोगों को चेता रहे हैं लेकिन...

कोरोना की नई लहर में अब बड़ी संख्या में बच्चे भी संक्रमित मिल रहे हैं. (फाइल फोटो-PTI) कोरोना की नई लहर में अब बड़ी संख्या में बच्चे भी संक्रमित मिल रहे हैं. (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 2:41 PM IST
  • दिल्ली-नोएडा के स्कूलों में बच्चे संक्रमित
  • एक्सपर्ट ने कहा, घबराने की बात नहीं
  • स्कूल बंद करने के खिलाफ हैं एक्सपर्ट

Coronavirus in India: देश में कोरोना ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. चिंता इसलिए भी क्योंकि इस बार बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं. दिल्ली-NCR के कई स्कूलों में अब तक कई बच्चे कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं. तीसरी लहर थमने के बाद लगभग दो साल बाद स्कूल पूरी तरह से खुलने शुरू ही हुए थे कि बच्चों के संक्रमित होने के कारण एक बार फिर से इनके बंद होने के आसार नजर आने लगे हैं. हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि अब स्कूल बंद करना कोई हल नहीं है. 

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स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 24 घंटे में कोरोना के 1,247 नए मामले सामने आए हैं. एक मरीज की मौत भी हुई है. सबसे ज्यादा 501 मामले अकेले दिल्ली में सामने आए हैं. राजधानी दिल्ली में कोरोना से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. यहां सोमवार को संक्रमण दर 7 फीसदी के पार पहुंच गई. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 5 फीसदी से ऊपर की संक्रमण दर 'चिंताजनक' होती है. 

कोरोना की अब जो नई लहर तेज हो रही है, उसमें सैकड़ों बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं. दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के कई स्कूलों में बच्चे कोरोना संक्रमित मिले हैं. पिछले 24 घंटे में दिल्ली से सटे नोएडा में ही 33 बच्चे कोरोना संक्रमित मिले हैं. हालांकि, बच्चों के संक्रमित होने पर एक्सपर्ट का कहना है कि चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि जो बच्चे संक्रमित हो रहे हैं, उनमें बहुत हल्के लक्षण हैं और वो जल्दी ठीक भी हो जा रहे हैं.

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वयस्कों की तरह ही बच्चों के भी संक्रमित होने का खतरा, लेकिन गंभीर बीमारी का खतरा कम. (फाइल फोटो-PTI)

बच्चों में संक्रमण पर क्या है एक्सपर्ट की राय?

- एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पिछली लहर का डेटा बताता है कि अगर बच्चे कोविड संक्रमित हो भी जाते हैं, तो उनमें हल्के लक्षण होते हैं और बहुत जल्दी ठीक भी हो जाते हैं. उनका कहना है कि जो बच्चे वैक्सीन के लिए एलिजिबल हैं, वो वैक्सीन जरूर लगवाएं. हालांकि, वो ये भी कहते हैं कि जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है, उन्हें भी घबराने की बात नहीं है क्योंकि गंभीर बीमारी नहीं हो रही है.

- महामारी विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहारिया का कहना है कि बच्चों के कोरोना संक्रमित होने की खबरों पर इसलिए ध्यान देना जरूरी है क्योंकि अब स्कूल खुल चुके हैं. हालांकि, स्कूल खुलने से पहले ही सीरो सर्वे में सामने आया था कि करीब 70 से 90 फीसदी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. उनका कहना है कि वयस्कों की तरह ही बच्चों के भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आने का खतरा है, लेकिन बच्चों में या तो बहुत हल्के लक्षण होते हैं या फिर कोई लक्षण नहीं होता.

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- ICMR के एडीजी समीरन पांडा का कहना है कि इस बात के सबूत हैं कि 1 से 17 साल की आयुवर्ग के बच्चे भी वयस्कों की तरह कोरोना संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन बच्चों में गंभीर बीमारी और मौत का खतरा बहुत कम होता है. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि स्कूलों में बच्चों को अपना खाना शेयर करने से बचना चाहिए. उन्होंने स्कूलों में मास्क का इस्तेमाल और कोविड प्रोटोकॉल का सही तरीके से पालन करने की बात कही है.

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बच्चे संक्रमित भी हुए तो जल्दी ठीक हो जाते हैं. (फाइल फोटो-PTI)

क्या बंद कर दिए जाने चाहिए स्कूल?

- बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद एक बार फिर से स्कूलों के बंद किए जाने की बात कही जाने लगी हैं. हालांकि, एक्सपर्ट इसके खिलाफ हैं. बाल चिकित्सक विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता कहते हैं कि हम सबको पता है कि BA.1 और BA.2 फैल रहा है, लेकिन इससे आम फ्लू जैसी बीमारी हो रही है तो स्कूलों को बंद करने की जरूरत नहीं है. अगर संक्रमण बढ़ता भी है तो भी सबकुछ खुला ही रहेगा, फिर स्कूलों को ही बंद क्यों किया जाना चाहिए? 

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- वहीं, IMA से जुड़े डॉ. राजीव जयदेवन का कहना है कि स्कूलों को बंद करना सही उपाय नहीं है. अभी महामारी खत्म नहीं हुई है और बच्चों के संक्रमित होने की आशंका है ही. उनका कहना है कि पहले ही दो साल से बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है और अब इसमें रुकावट को कम किया जाना चाहिए. अगर कोई नया वैरिएंट आता है और हालात बिगड़ते हैं तो फिर दूसरे उपायों की जरूरत पड़ सकती है.

 

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