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कोरोना को गांवों में फैलने से रोकने के लिए किस राज्य ने क्या-क्या कदम उठाए, जानिए?

अब गांवों में भी कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है. केंद्र सरकार भी चिंता जता चुकी है कि अगर गांवों में कोरोना फैला तो उबरने में सालों लग जाएंगे. इसलिए अब राज्यों ने गांवों में कोरोना को रोकने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

गांवों में कोरोना रोकना सबसे बड़ी चुनौती. (फाइल फोटो-PTI) गांवों में कोरोना रोकना सबसे बड़ी चुनौती. (फाइल फोटो-PTI)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2021,
  • अपडेटेड 10:48 AM IST
  • यूपी में निगरानी समितियां बनीं
  • बिहार में फ्री में मास्क बांटे जा रहे

कोरोना की दूसरी लहर को रोकने में राज्यों ने अपनी ओर से कई अहम कदम उठाए हैं. कोरोना संक्रमण ने जिस तरह ग्रामीण क्षेत्रों को अपनी जकड़ में लेना शुरू कर दिया है, उसने मोदी सरकार की परेशानियों बढ़ा दिया है. कोरोना के ग्रामीण क्षेत्रों में फैलने से रोकने के लिए पंचायती राज मंत्रालय ने अपनी ओर से कई दिशानिर्देश जारी किए थे. पंचायती राज मंत्रालय के सुझावों के आधार पर कई राज्यों ने अपनी ओर से प्रभावी कार्रवाई की है. मंत्रालय ने ऐसे 20 राज्यों में की गई कार्रवाई का ब्यौरा तैयार किया है.  

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किस राज्य ने क्या-क्या कदम उठाए?   
1. आंध्र प्रदेश:
कोरोना निगरानी समिति का गठन और ग्राम पंचायत स्तर पर यह फैसला कि अगर मास्क नहीं तो गांव में प्रवेश नहीं, सैनिटाइजेशन और घर घर पर निगरानी. 

2. अरुणाचल प्रदेश: सभी जिला कमिश्नरों को एडवाइजरी जारी, इसमें सार्वजनिक स्थलों का सैनिटाइजेशन, ग्रामीण निगरानी समिति का गठन, लोगों की भागीदारी और जनचेतना कार्यक्रम चलाने का निर्देश. 

3. असम: ग्रामीण रक्षा पार्टी का गठन और प्रवासी लोगों का डेटाबेस तैयार करना और 15वीं एफसी यूनाइटेड ग्रांट से सैनिटाइजेशन के लिए वित्त आवंटन. 

4. बिहार: गांव के सभी परिवारों को मास्क वितरण; रोजगार बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर मास्क बनवाना और खरीदना, सैनिटाइजेशन के लिए वित्त आवंटन. 

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5. गुजरात: PRI की ओर से स्वयं ही लॉकडाउन की घोषणा, पल्स ऑक्सीमीटर, टेंपरेचर गन और एंटीजन टेस्ट किट के साथ डोर टू डोर अभियान, परिवारों और मरीजों की मदद के लिए गांवों में ग्राम योद्धा समिति का गठन. 

6. हरियाणा: समय समय पर जनचेतना कार्यक्रम, ग्रामीण निगरानी समिति का गठन, प्रवासी श्रमिकों के लिए क्वारनटीन और आइसोलेशन सेंटरों का निर्माण.

7. हिमाचल प्रदेश: उचित क्वारनटीन और आइसोलेशन के लिए डोर टू डोर निगरानी अभियान, सभी निवासों का सैनिटाइजेशन; मास्क की सिलाई, कोरोना प्रभावित परिवारों के लिए राशन और मेडिकल किट का वितरण. ईसंजीवनी ओपीडी शुरू की, जिसमें बीमारों को मुफ्त चिकित्सा सलाह दी जाती है.

8. झारखंड: पंचायत भवनों, सरकारी स्कूलों, सामुदायिक भवनों को क्वारनटीन सेंटर्स में बदला गया, गूगल मीट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जनचेतना जागरण और सभी तहसीलों के लिए मैसेजिंग ग्रुप बनाए गए. 

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9. कर्नाटक: ग्राम पंचायत स्तर पर जीपीटीएफ और वीटीएफ को दोबारा बनवाया गया, मैसूर के ANS ग्रामीण विकास संस्थान की मदद ली गई.

10. केरल: कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए जरूरी मैकेनिज्म बनाया गया, आइसोलेशन या क्वारनटीन में रह रहे परिवारों को मदद और सूचना दी गई, कुदुंबश्री सामुदायिक नेटवर्क का गठन और कोविड केयर सेंटर्स का निर्माण. हर पंचायत में एंबुलेंस की व्यवस्था, साथ ही, जरूरतमंदों के लिए टू चैंबर्ड कार और ऑटो रिक्शा की व्यवस्था.

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11. मध्य प्रदेश: कोविड गाइडलाइंस के हिसाब से गांवों और अधिक संक्रमण वाले इलाकों में कंटेनमेंट जोन का गठन, गांवों और पंचायतों में सक्रिय मरीजों की संख्या के अनुपात में रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन का गठन, तहसील, जिला और राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम का गठन.

12. महाराष्ट्र: मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी अभियान से जनचेतना, कोरोना प्रिवेंशन कमेटी का गठन और डोर टू डोर अभियान.

13. नगालैंड: पंचायतों और लोगों के बीच पंचायत समितियों ने मजबूत कड़ी प्रदान की, पंचायत समिति के तहत लोगों को उचित प्रशिक्षण दिया गया. 

14. पंजाब: दूसरे राज्यों से आवाजाही पर कड़ी रोक, हर गांव में ग्रामीण निगरानी समिति का गठन और गांवों में पहरे की व्यवस्था ताकि नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू का अनुपालन सुनिश्चित हो.

15. राजस्थान: स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेडिकल किट का वितरण और कोविड संबंधी सभी निर्देशों के लिए जिला पंचायत के सीईओ को नोडल अधिकारी बनाया गया, सर्वे रिपोर्ट और मेडिकल किट वितरण रिपोर्ट का हर दिन आकलन. 

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16. सिक्किम: PRI के साथ नियमित चर्चा, यूट्यूटब लाइव जैसे टूल्स से प्रशिक्षण सत्र और कोविड के प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान.

17. त्रिपुरा: ग्राम पंचायत स्तर पर समितियों का गठन और कोविड प्रोटोकॉल व्यवहार के प्रचार के लिए विस्तृत अभियान, वित्त आयोग के अनुदान से PRI की गतिविधियों का संचालन.

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18. उत्तर प्रदेश: सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामीण निगरानी समितियों का गठन जिसमें स्वच्छता को बढ़ावा देने का लक्ष्य, हर गांव में नियमित सफाई के लिए सफाई कर्मचारी कोविड से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए वित्तीय मदद.

19. उत्तराखंड: हर ग्राम पंचायत में ग्रामीण निगरानी समिति का गठन, उचित निगरानी तथा सहायता के लिए तहसील स्तर पर रिस्पॉन्स टीम का गठन, पंचायती राज निदेशालय पर 24x7 हेल्प डेस्क व्यवस्था.

20. पश्चिम बंगाल: एनजीओ, सीबीओ  और एसएचजी की मदद से पंचायत जनचेतना अभियान; स्थानीय बाजारों और हाट में सुरक्षा, पीडीएस के तहत गरीबों को राशन वितरण.

 

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