
दक्षिण एशिया में कोरोना महामारी से कुल प्रभावित आबादी पर गौर करें तो भारत की हालत सबसे खराब है. पड़ोसी देशों के आंकड़ों से पता चलता है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में महामारी फैली तो दोनों देश तेजी से चपेट में आए, लेकिन अब दोनों देशों में महामारी की लहर शांत होती दिख रही है.
केरल में पहला केस आने के एक महीने बाद कोरोना पाकिस्तान पहुंचा था. पाकिस्तान में महामारी पश्चिम एशिया से आए यात्रियों के साथ आई. भारत की ही तरह वहां भी शुरुआत में तबलीगी जमात से जुड़े क्लस्टर के जरिए वायरस फैला. मार्च के अंत तक पाकिस्तान में लॉकडाउन लागू हुआ, लेकिन एक महीने में प्रतिबंध हटा दिए गए और स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध लगाए गए, जिसके चलते केसों में और वृद्धि हुई.
टेस्ट के मामले में भारत सबसे आगे
बांग्लादेश में कोरोना वायरस मार्च की शुरुआत में ही आ गया और लगभग दो महीने तक लॉकडाउन रहा. भारत की तरह ही इसके दक्षिण एशियाई पड़ोसियों में भी सबसे बड़े शहर ही महामारी का केंद्र बने- पाकिस्तान में लाहौर, कराची, इस्लामाबाद, और बांग्लादेश में ढाका.
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पाकिस्तान और बांग्लादेश अब विश्व के 20 सबसे प्रभावित देशों में से है. हालांकि, भारत की आबादी अपने दो पड़ोसी देशों पाकिस्तान और बांग्लादेश की कुल आबादी का 3.5 गुना है, लेकिन जनसंख्या के अनुपात में दोनों देशों में कोरोना केसों की संख्या लगभग भारत के बराबर है. हालांकि, टेस्ट करने के मामले में भारत का प्रदर्शन बाकी दोनों देशों से अच्छा है.
भारत में जब कुल केस की संख्या 18 लाख होने तक प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 1,300 से अधिक केस थे. पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों में 3 लाख से भी कम कोरोना केस हैं, लेकिन पाकिस्तान में प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 1,264 केस हैं, जबकि भारत के बांग्लादेश में प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 1,461 केस हैं.
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भारत ने प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 14,000 से अधिक टेस्ट किए
भारत में अब तक 38,000 से अधिक मौतें हुईं यानी प्रति दस लाख आबादी पर 28 लोगों की जान गई. पाकिस्तान में 6,000 से कम मौतें हुई हैं, लेकिन प्रति दस लाख आबादी पर यह संख्या बराबर है. बांग्लादेश में कुछ 3,154 मौतें हुई हैं, यह आंकड़ा प्रति दस लाख की आबादी पर 19 मौतों का है. हालांकि, टेस्ट करने के मामले में भारत अपने पड़ोसियों से बहुत आगे है. भारत ने प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 14,000 से अधिक टेस्ट किया है. दूसरी ओर पाकिस्तान ने प्रति दस लाख की आबादी पर करीब 9,000 और बांग्लादेश ने करीब 7,000 टेस्ट किए हैं.
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लेकिन भारत के पड़ोसी देशों में कोरोना का ग्राफ नीचे आ रहा है, वहीं भारत में ग्राफ बढ़ता जा रहा है. भारत में केस काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. यहां कोरोना के केस 20 दिनों में दोगुने हो रहे हैं, जबकि बांग्लादेश में डबलिंग रेट 58 दिन और पाकिस्तान में 210 दिन का है.
खासकर पिछले महीने में बांग्लादेश में प्रत्येक दिन दर्ज होने वाले केसों की संख्या स्थिर हो गई है, और पाकिस्तान में इसमें गिरावट आई है, लेकिन भारत की संख्या अभी भी बढ़ रही है. भारत के ये दोनों पड़ोसी उम्मीद करेंगे कि उन्होंने कोरोना का एक किला फतह कर लिया है, लेकिन भारत को अभी उस पड़ाव पर पहुंचना है जहां कोरोना को स्थिर किया जा सके.