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कोरोना के नए वैरिएंट C.1.2 को लेकर विदेश से आने वालों की सख्त की गई जांच, जानें कितना है खतरनाक

दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में पाया गया कोरोना वायरस का नया वैरिएंट सी.1.2, दूसरे वैरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है. वैक्सीनेशन के बाद भी यह वैरिएंट खतरनाक साबित हो सकता है.

देशभर में अब तक नहीं थमा है कोरोना संक्रमण (सांकेतिक तस्वीर- रॉयटर्स) देशभर में अब तक नहीं थमा है कोरोना संक्रमण (सांकेतिक तस्वीर- रॉयटर्स)
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:45 PM IST
  • कोरोना संक्रमण का बढ़ता जा रहा है कहर
  • लगातार सामने आ रहे नए वैरिएंट
  • नए वैरिएंट पर चिंता में हैं दुनियाभर के वैज्ञानिक

पूरी दुनिया में कहर ढाने वाला कोरोना वायरस, अलग-अलग रूप में सामने आ रहा है. SARS-CoV-2  का एक नया वैरिएंट अब दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है. बेहद तेजी से फैलने वाले कोविड-19 का नए वैरिएंट सी.1.2 के मद्दनेजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 31 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय यात्रा दिशानिर्देशों में बदलाव किया है.

फरवरी 2021 में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार देशों को दो श्रेणियों में बांटा गया था. यूनाइटेड किंगडम, यूरोप और मध्य पूर्व जैसे देशों की पहली श्रेणी में रखा गया था. इन देशों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह अनिवार्य था कि उन्हें भारत के लिए फ्लाइट लेने से 72 घंटे पहले कोविड निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. यात्रियों को आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना अनिवार्य होगा. अगर ऐसे यात्री भारत में उतरते हैं तो किसी भी हवाई अड्डे पर उनका फिर से परीक्षण किया जाएगा और उनके स्वाब के सैंपल लिए जाएंगे और दोबारा जांच के लिए भेजे जाएंगे.

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पत्र लिखे जाने के बाद 31 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय यात्रा दिशानिर्देशों और प्रोटोकॉल के भाग बी में संशोधन किया गया है. अब दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड और जिम्बाब्वे जैसे देशों से आने वाले लोगों के लिए भी 72 घंटे पहले का आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है. एयरपोर्ट पर ही उनका दोबारा सैंपल लिया जाएगा.

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खतरनाक है कोरोना का सी.1.2 वैरिएंट

दरअसल दक्षिण अफ्रीका ने कोविड-19 के संभावित वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI) की पहचान की है, जिसे सी.1.2 नाम दिया गया है. C.1.2 की पहचान पहली बार मई 2021 में देश में कोविड की तीसरी लहर के दौरान हुई थी. दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (NICD) और क्वाज़ुलु-नेटल रिसर्च इनोवेशन एंड सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म के शोधकर्ताओं ने यह जानकारी दी है.

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 सी.1.2 वैरिेएंट पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

कोरोना का C.1.2 वेरिएंट, महामारी के दस्तक के बाद से ही सबसे म्युटेटेड वर्जन माना जा रहा है. जब वैक्सीन की उम्मीद बीते साल दिखाई दी, तभी से वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि सिर्फ कोरोना वैक्सीनेशन ही महामारी पर नियंत्रण रोकने का इकलौता साधन नहीं है. लोगों से एक्सपर्ट्स ने टीकाकरण के बाद भी सावधानी बरतने की अपील की थी. एक बार फिर वैज्ञानिकों का कहना है कि सावधानी, कोविड प्रोटोकॉल का पालन लोग वैक्सीनेशन के बाद भी करें, तभी राहत मिलेगी.
 

 

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