
क्या जानवरों की वजह से कोरोना के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि जानवरों की वजह से कोरोना वायरस म्यूटेट कर रहा है और वहां से इंसानों में फैल रहा है. वैज्ञानिकों ने इसको लेकर चिंता जताई है कि दुनियाभर में जानवरों के जरिए इंसानों में वायरस फैलने के मामले बढ़ रहे हैं और अगर ऐसा ही चलता है तो म्यूटेंट्स की निगरानी करना मुश्किल हो जाएगा.
सार्स कोव-2 यानी कोरोना का वायरस कहां से आया, इसे लेकर अभी कोई एकराय नहीं है. हालांकि, कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है कि ये वायरस चमगादड़ के जरिए इंसानों में आया हो या फिर चीन के वुहान के मार्केट में किसी और जानवर के जरिए ये आया हो.
कुछ वैज्ञानिक ऐसा भी मानते हैं कि भारत समेत दुनियाभर में कोरोना की नई लहर लेकर आने वाला ओमिक्रॉन वैरिएंट इंसानों में म्यूटेट करने की बजाय जानवरों से ही म्यूटेट करके फैला हो.
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क्यों चिंता की बात है ये?
अमेरिका की पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट अमिता गुप्ता ने न्यूज एजेंसी को बताया कि कोई भी वायरस संक्रमित के शरीर में खुद को मल्टीप्लाय करता है और म्यूटेट हो सकता है. उनका कहना है कि अगर समय के साथ जानवरों में मौजूद वायरस में जीनोमिक बदलाव होते हैं तो ये ऐसा वायरस बना सकते हैं जो ज्यादा संक्रामक और घातक हो सकता है.
वहीं, जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के इन्फेक्शियस डिसीज डिविजन से जुड़े एक प्रोफेसर ने बताया कि जानवरों में सार्स-कोव-2 में छोटा सा म्यूटेशन भी इंसानों के लिए बहुत ज्यादा संक्रामक और जानलेवा हो सकता है.
अभी तक जानवरों में विकसित कोरोना वायरस से इंसानों के संक्रमित होने की संख्या तय नहीं है, लेकिन पिछले हफ्ते अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन (CDC) ने बताया था कि मिशिगन में कम से कम 4 लोग ऐसे मिले थे, जिनमें कोरोना का वही वर्जन मिला था, जो मिंक (जानवरों की एक प्रजाति) में पाया गया था.
मिंक एक छोटा सा जानवर होता है, जिसका फर चमकदार होता है. ये जानवर अमेरिका और यूरोप के कई हिस्सों में पाया जाता है.
इसके अलावा ये भी सामने आया है कि मिंक और पालतू हैम्स्टर्स इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं. कनाडा में भी एक सफेद पूंछ वाले हिरण और एक इंसान के बीच ट्रांसमिशन होने की समीक्षा की जा रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में कहा था कि अभी तक इंसानों में कोरोना के फैलने में जानवरों की भूमिका सामने नहीं आई है, लेकिन जानवरों में इस वायरस के फैलने से आने वाले समय में इंसान प्रभावित हो सकते हैं और इससे नए वैरिएंट सामने आ सकते हैं. अब तक घरेलू जानवरों के अलावा बड़ी बिल्लियां, शेर, बंदरों और जंगली जानवरों में कोरोना का संक्रमण मिला है.
वेटेरिनेरियन गौरव शर्मा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इंट्रा-स्पेशिस ट्रांसमिशन से जानवरों में वायरस एस्टेब्लिश हो सकता है और ऐसे जानवरा इंसानों में वायरस फिर से फैला सकते हैं. उनका कहना है कि जंगली जानवरों में वायरस म्यूटेट हो सकता है जिससे नए वैरिएंट सामने आ सकते हैं.
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क्या कभी खत्म नहीं होगा कोरोना?
रिसर्चर्स ने ये भी पाया है कि इससे नए वैरिएंट्स के आने की आशंका भी बढ़ जाती है, क्योंकि वायरस जानवरों के लिए अनुकूल होता है. ऐसा डेनमार्क में मिंक फार्म में देखा गया था. यहां पहले से इंसान के जरिए मिंक में वायरस फैला और फिर मिंक से इंसानों में फैला. इस कारण जून 2020 की शुरुआत में फार्म में कई मिंक्स को मार दिया गया.
महामारी विशेषज्ञ धरमवीर शेट्टी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अगर जानवरों में वायरस फैलता है तो इससे वायरस को खत्म करना मुश्किल हो जाएगा, साथ ही नए वैरिएंट के सामने आने की आशंका भी काफी हद तक बढ़ जाएगी. गौरव शर्मा का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो वैक्सीन का असर भी कम हो सकता है.
हाल ही में एक स्टडी में सामने आया है कि कनाडा में एक व्यक्ति में हिरण के जरिए कोरोना का संक्रमण फैला. इसमें ये भी सामने आया कि सफेद पूंछ वाले हिरण में म्यूटेशन मिला था. इससे हिरण के जरिए दूसरे जानवरों में भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है.
धरमवीर शेट्टी का कहना है कि संक्रमित जानवरों की निगरानी करना बहुत जरूरी हो गया है, ताकि पता चल सके कि इनमें वायरस विकसित कैसे हो रहा है और कैसे फैल रहा है.