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पंजाब: कोरोना काल में स्वास्थ्य मंत्री के जिले में ही बीमार स्वास्थ्य सेवाएं, डिस्पेंसरी पर लटके ताले

पंजाब के ग्रामीण इलाकों में कोरोना महामारी के दौरान भी करोड़ों खर्चकर स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने का दावा तो किया जा रहा है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. डिस्पेंसरी पर ताले लटके हुए हैं. ग्रामीण इलाज के लिए भटक रहे हैं.

पंजाब के ग्रामीण इलाकों की डिस्पेंसरी पर लटका ताला पंजाब के ग्रामीण इलाकों की डिस्पेंसरी पर लटका ताला
सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 15 मई 2021,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST
  • प्राइवेट हॉस्पिटल की दौड़ लगा रहे मरीज 
  • गांव में बनाई गईं डिस्पेंसरी कई दिनों से बंद 
  • लगातार बढ़ रही कोरोना मरीजों की संख्या

पंजाब में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का हाल चौंकाने वाला है. मरीज परेशान हैं, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं का कुछ अता पता नहीं है. जहां सरकार दावा कर रही है कि हर गांव तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं, तो वहीं सच्चाई हैरान कर देने वाली है. आजतक की टीम ने ऐसे ही कुछ ग्रामीण इलाकों का दौरा किया, जहां दृश्य बेहद ही चौंकाने वाला था.

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मोहाली जिले का ग्राम नया शहर वडाला, जो कि स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के ही जिले में आता है. इस गांव में कोरोना के दर्जनभर मरीज हैं. दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. सरकार दावा कर रही है कि गांव में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच रही हैं, लेकिन तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है.

गांव में आलीशान सरकारी डिस्पेंसरी बनी हुई है, जिसे हेल्थ एवं वेलनेश सेंटर का नाम भी दिया गया है. कोरोना महामारी के दौरान ये डिस्पेंसरी महीनों से बंद पड़ी है, यहां ताला लगा हुआ है. गांव के लोग इलाज के लिए शहरों में प्राइवेट अस्पतालों में धक्के खा रहे हैं. यहां न तो टेस्टिंग शुरू हुई और न हीं वैक्सीनेशन.

चंडीगढ़ से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर पंजाब के मोहाली की खरड़ तहसील में आने वाले शांते माजरा गांव के हेल्थ सेंटर और डिस्पेंसरी का हाल जानने के लिए जब आजतक की टीम वहां पहुंची तो वहां पर ताला लटका मिला.

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ग्रामीणों ने बताया कि कई दिनों से डिस्पेंसरी बंद है और ऐसे में इमरजेंसी स्थिति में इलाज के लिए यहां कोई सुविधा नहीं है. शांते माजरा में बनाई गई ये सरकारी डिस्पेंसरी और हेल्थ सेंटर आसपास के 5 गांवों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं पाने का जरिया है, लेकिन ज़्यादातर समय यहां पर ऐसे ही ताला लटका रहता है और लोगों को इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों और डॉक्टरों पर निर्भर रहना पड़ता है.

बता दें पंजाब के कई गांव ऐसे हैं, जहां पर एक-एक दिन में दर्जन भर मौत हो रही हैं. सरकार दावा कर रही है कि ग्रामीण इलाकों के लिए ब्लू प्रिंट तैयार है, लेकिन यहां की तस्वीरें कुछ और ही हकीकत बयां करती हैं. 


 

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