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कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा छिपाने के आरोपों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने उठाया ये कदम

कोरोना महामारी के चलते लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. लेकिन इस बीच सरकार पर आरोप लगे कि कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा वह छिपा रही है. ऐसे में अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नियमित रूप से जिलेवार कोरोना मामलों और मौतों की दैनिक आधार पर निगरानी के लिए एक मजबूत रिपोर्टिंग तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया है. 

कोरोना से लाखों लोगों की मौत (फाइल फोटो) कोरोना से लाखों लोगों की मौत (फाइल फोटो)
अशोक सिंघल/स्नेहा मोरदानी
  • नई दिल्ली ,
  • 12 जून 2021,
  • अपडेटेड 5:40 PM IST
  • देश में कोरोना से लाखों लोगों की मौत
  • सरकार पर मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में कहर बरपाया है. इस महामारी के चलते लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. लेकिन इस बीच सरकार पर आरोप लगे कि वह कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा छिपा रही है.

ऐसे में अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नियमित रूप से जिलेवार कोरोना मामलों और मौतों की दैनिक आधार पर निगरानी के लिए एक मजबूत रिपोर्टिंग तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया है. 

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केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को सलाह दी गई है कि वे निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार कोविड से होने वाली मौतों को रिपोर्ट करें. राज्यों को ICMR द्वारा जारी 'भारत में कोविड से संबंधित मौतों की रिकॉर्डिंग के लिए गाइडडेंस' के अनुसार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को मौतों को रिकॉर्ड करने के लिए कहा गया है. 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एक प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ने एक लेख में अनुमान लगाया कि भारत में कोरोना से मौतों की आधिकारिक गिनती हकीकत में 5-7 गुना अधिक हो सकती है.

पत्रिका द्वारा अधिक मृत्यु दर के अनुमान के रूप में उपयोग किए गए अध्ययन किसी देश/क्षेत्र की मृत्यु दर निर्धारित करने के लिए मान्य उपकरण नहीं हैं. यह अनुमानों पर आधारित लेख था, जिसमें गलत सूचना दी गई ऐसा प्रतीत होता है.  
 रिपोर्ट की जा रही मौतों की संख्या में विसंगति या भ्रम से बचने के लिए, ICMR ने राज्यों द्वारा मौतों की सही रिकॉर्डिंग के लिए दिशा निर्देश जारी किये हैं. ICMR ने मृत्यु दर कोडिंग के लिए WHO द्वारा बताए गए ICD-10 कोड के अनुसार मौतों की रिकॉर्डिंग करने के लिए कहा है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कई बार निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार मौतों की रिकॉर्डिंग के लिए केंद्रीय टीमों की तैनाती के माध्यम से सलाह दी गई है.

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