
देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार का आंकलन है कि अप्रैल महीने के अंत तक उत्तर प्रदेश में रोजाना कोरोना के 1.9 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जाएंगे. कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कहा यह भी गया है कि मई महीने के बीच में कोरोना वायरस के मामले चरम पर होंगे. इस दौरान देश में रोजाना पांच लाख तक मामले सामने आ सकते हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉक्टर वीके पॉल के नेतृत्व वाले अधिकारियों के ग्रुप ने प्राधिकरणों को आने वाले संकट को लेकर चेताया है और ऑक्सीजन सप्लाई के लिए बैकअप प्लान बनाने के लिए कहा है. इस ग्रुप के अधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्रालय समेत अन्य प्राधिकरणों को अप्रैल के अंत तक पांच लाख नए कोरोना के मामले आने को लेकर सजग रहने और ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए तत्काल उपाय करने को कहा है.
आइसोलेशन ऑक्सीजन बेड की किल्लत
यूपी में ऑक्सीजन के साथ आइसोलेशन बेड की दैनिक कमी 16,752 बताई गई है. इसके अलावा यूपी में 3061 आईसीयू बेड, कम से कम 1538 वेंटिलेटर्स की जरूरत होगी. दिल्ली में भी हालात कुछ ऐसे ही होंगे. दिल्ली में रोजाना 16,061 ऑक्सीजन बेड, 2877 आईसीयू बेड और 1450 वेंटिलेटर की जरूरत होगी. दिल्ली में पहले से ही ऑक्सीजन की किल्लत चल रही है. अस्पतालों के प्रमुख ऑक्सीजन की मांग कर रहे हैं. केंद्र की तरफ से दिल्ली को 480 एमटी ऑक्सीजन दी जा रही है जबकि दिल्ली को 700 एमटी की जरूरत है.
इसके अलावा प्रजेंटेशन के दौरान सरकार की तरफ से लगाए जा रहे जोर का भी जिक्र किया गया. बताया गया कि ऑक्सीजन की उपलब्धता रोजाना 3,300 मेट्रिक टन बढ़ाई गई है. इसके अलावा भारत के पास 1,172 ऑक्सीजन टैंकर हैं (16,732 एमटी क्षमता) इसे 2000 से अधिक किए जाने की कोशिश की जा रही है. प्रजेंटेशन के दौरान यह भी कहा गया कि ऑक्सीजन की जरूरत के लिहाज से गाइडलाइन्स बनाई गई हैं. इसे अस्पताल स्तर तक लागू किए जाने की आवश्यकता है.
उधर, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश जारी कर कहा है कि इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (ILI) के मध्यम और गंभीर लक्षण वाले मरीजों को प्रोटोकॉल के तहत संदिग्ध केस के लिए बने डेडिकेटेड एरिया में ट्रीटमेंट दिया जाएगा. अस्पताल में भर्ती होने के लिए पॉजिटिव आरटी-पीसीआर की आवश्यकता नहीं होगी.