
कोरोना संक्रमण को रोकने का एकमात्र तरीका वैक्सीन ही है. इसलिए जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा आबादी को वैक्सीनेट करना जरूरी है. देश में मई के महीने में वैक्सीनेशन की रफ्तार बहुत धीमी रही. हालांकि, धीमी रफ्तार और वैक्सीन की कमी के बीच सरकार ने दावा किया है कि वो इस साल के आखिर तक देश की पूरी युवा आबादी को वैक्सीनेट कर देगी. अगर ऐसा होता है तो 31 दिसंबर 2021 तक देश की 18 साल से ऊपर की आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके होंगे. लेकिन क्या ये संभव है?
क्या है वैक्सीन का गणित?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में देश की युवा आबादी तकरीबन 86.5 करोड़ होने का अनुमान है. इतनी आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज लगाने के लिए 173 करोड़ डोज की जरूरत है. अभी तक देश में 21.6 करोड़ डोज लग चुकी हैं. लिहाजा 151.4 करोड़ डोज अब भी बाकी हैं.
1 जून से 31 दिसंबर तक 214 दिन बचते हैं. इतने समय में पूरी युवा आबादी को वैक्सीनेट करने के लिए हर दिन 70.8 लाख डोज लगाने पड़ेंगे, तब जाकर साल के आखिर तक टारगेट पूरा हो पाएगा.
क्या ये संभव है?
अभी वैक्सीनेशन की रफ्तार जो है, उसके हिसाब से तो पूरी युवा आबादी को वैक्सीनेट करने में काफी लंबा वक्त लग सकता है. इस वक्त हर दिन औसतन 16 लाख डोज लगाई जा रहीं हैं. हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों में इसमें तेजी भी आई है. पिछले 7 दिन में हर दिन औसतन 25 लाख डोज लगाई गईं. इसके पहले के हफ्ते में यही औसत 20.1 लाख और उससे पहले के हफ्ते में 16.8 लाख था.
'वैक्सीन की एक ही डोज पर्याप्त', वाले दावे से सहमत नहीं एक्सपर्ट, उठाए ये सवाल
हालांकि, अप्रैल के महीने में कई बार एक दिन में 40 लाख से ज्यादा डोज लगाई गई थी. सरकार ने जून में वैक्सीनेशन में तेजी लाने की उम्मीद जताई है. सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि जून के महीने में वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ जाएगी, जिसके बाद वैक्सीनेशन में और भी तेजी आने की उम्मीद है.
उन्होंने बताया कि जून के महीने में राज्यों को 12 करोड़ डोज दी जाएंगी. इसका मतलब हुआ कि इससे हर दिन 40 लाख डोज लगाई जा सकती हैं. हालांकि, तब भी ये जरूरत के हिसाब से कम है. कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सरकार अगस्त की शुरुआत में 25 से 30 करोड़ डोज देने की योजना बना रही है. अगर ऐसा होता है तो अगस्त से दिसंबर तक 5 महीनों में राज्यों के पास 125 करोड़ डोज होंगे.
अगर हम ये मानकर चलें कि जुलाई के महीने भी जून की तरह ही 12 करोड़ डोज दिए जाएंगे, तो दो महीने में 24 करोड़ डोज होते हैं. अगर सरकार के दावे और ये सारे नंबर सही साबित होते हैं तो इस साल के आखिर तक देश में 170 करोड़ डोज लगाए जा चुके होंगे, जो जरूरी 173 करोड़ डोज के लगभग बराबर है.
हालांकि, ये सब इस बात पर भी निर्भर करेगा कि वैक्सीन की सप्लाई किस तरह से की जाती है और किस तरह से वेस्टेज को कम किया जाता है. वैक्सीन के प्रोडक्शन बढ़ाने के अलावा सरकार विदेशों से वैक्सीन आयात करने पर भी काम कर रही है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बताया कि वैक्सीन के इम्पोर्ट को लेकर सरकार फाइजर के साथ बात कर रही है.
(रिपोर्टः सम्राट शर्मा)