
दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में मरने वालों की संख्या बढ़ी है. चाहे श्मशान हो या फिर कब्रिस्तान हर ओर लाशों की लंबी लाइन है. वहीं कोरोना संक्रमित लाशों का अंतिम संस्कार कराने वाले कर्मचारी दिन रात बिना रुके, इनके क्रिया कर्म में लगे हुए हैं.
ऐसे में इन कर्मचारियों ने मांग की है कि सरकार डॉक्टर, पुलिस और सफाई कर्मचारियों की तरह इन्हें भी फ्रंटलाइन वॉरियर्स घोषित करे, जिससे इन्हें भी प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लग सके, जिससे ये खुद को व अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें.
ये बोले कर्मचारी
आईटीओ कब्रिस्तान पर काम करने वाले 24 साल के रोहित कुमार ने बताया कि पिछले 1 साल से कोरोना से जान गांव चुके सैकड़ों शवों को दफन किया है. रोहित खुद कब्र खोदता है. लाशों को दफन करता है, लेकिन अभी तक रोहित को कोरोना वैक्सीन नहीं मिली है. रोहित चाहता है कि सरकार उसको फ्रंट लाइन वॉरियर घोषित करके पहले वैक्सीन लगाए.
आईटीओ कब्रिस्तान के केयर टेकर शमीम ने बताया कि जब से कोविड शुरू हुआ है तब से 1500 से ज्यादा कोरोना से जान गंवा चुके लोगों को दफन कर चुके हैं. दिन रात इनकी टीम के लोग जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. लेकिन सरकार ने पिछले 1 साल में न तो कोई इंश्योरेंस दिया ना ही फ्रंटलाइन वॉरियर घोषित करके हमें और हमारे परिवार को वैक्सीन दी है.
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श्मशान घाट के कर्मचारियों का भी यही हाल
यही हाल कुछ गाजीपुर श्मशान घाट में काम करने वाले आचार्य का भी है. गाजीपुर के आचार्य बताते हैं कि पिछले एक हफ्ते में कोरोना ने जो हाहाकार मचाया, उसमें 24 घंटे श्मशान में चितायें जलीं. कई कर्मचारी बुखार से पीड़ित हो गए, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था. उनका भी परिवार है, बच्चे हैं, ऐसे में सरकार को पुलिस और डॉक्टर की तर्ज पर उनको भी जल्दी से जल्दी वैक्सीन देनी चाहिए.
वहीं गाजीपुर में कोरोना के मृत शरीरों का अंतिम संस्कार कर रहे आशीष मलिक का कहना है कोरोना वायरस का सभी की तरह हमें भी खौफ है. दिन-रात जब चिताएं जलाते हैं, तो अपने घर वालों के बारे में बार-बर सोचते हैं. पिछले दिनों जब उनके परिवार के लोग वैक्सीन लगवाने के लिए वैक्सीन सेंटर पर गए, तो सेंटर ने वैक्सीन लगाने से मना कर दिया. ये कह कर कि आप कोरोना वॉरियर नहीं हैं. अभी 45 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लग रही है.