
दिल्ली में कोरोना के मामले तेज गति से बढ़ना शुरू हो गए हैं. पहले जो आंकड़ा 500-600 के बीच में चल रहा था, अब हजार पार कर गया है. ऐसे में लोगों के बीच चिंता है कि क्या दिल्ली में एक और लहर आने वाली है? क्या एक बार फिर दिल्ली में कोरोना के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जाएंगे?
अब इन बढ़ते मामलों के ट्रेंड के बीच एक्सपर्ट्स ने बड़ी बात बोली है. LNJP अस्पताल के एमडी डॉक्टर सुरेश कुमार बताते हैं कि दिल्ली में कोरोना मामले जरूर बढ़ रहे हैं, लेकिन अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने का सिलसिला नहीं बढ़ा है. 99% कोविड बेड अभी खाली चल रहे हैं. हमारे LNJP में भी सिर्फ सात मरीज एडमिट किए गए हैं. एक चार महीने का बच्चा ऑक्सीजन सपोर्ट पर है.
डॉक्टर सुरेश की माने तो इस समय उन बच्चों को कोरोना होने का ज्यादा खतरा है जिनके माता-पिता ने अभी तक कोविड की वैक्सीन नहीं लगवाई है. वे ये भी मानते हैं कि अभी तक 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कोरोना वैक्सीन का टीका नहीं दिया गया है, ऐसे में उनके संक्रमित होने की संभावना ज्यादा है. अब बच्चों के बीच कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है, तो क्या स्कूलों को बंद कर देना चाहिए. इस बारे में डॉक्टर सुरेश साफ कहते हैं कि पिछले दो साल से स्कूल बंद ही चल रहे थे. ऐसे में अब फिर स्कूल बंद करने का कोई फायदा नहीं है. जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी चल रही है ,सिर्फ उन्हीं को अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत है.
वहीं जब बढ़ते मामलों पर डॉक्टर एसके सरीन से बात की गई तो उन्होंने ओमिक्रॉन को ही इस तेजी के लिए जिम्मेदार माना. उन्होंने जानकारी दी कि ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट सामने आ सकते हैं. ILBS में जब जीनोम सीक्वेंसिंग की गई तो ओमिक्रॉन के ही आठ सबवैरिएंट मिले हैं. अब दिल्ली में किस वैरिएंट की वजह से मामले बढ़ रहे हैं, ये अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है.
दिल्ली के कोरोना मीटर की बात करें तो बुधवार को राजधानी में 1009 मामले सामने आए थे और एक शख्स की मौत भी हो गई.