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दिल्ली में कोरोना की भयावह स्थिति के बीच राहत की खबर आई है. करीब एक महीने बाद कोरोना संक्रमितों के मुकाबले रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या अधिक हो गई है. ऑक्सीजन की किल्लत और तेज होते कोरोना संक्रमण के बीच ये राहत देने वाले आंकड़े हैं.
राजधानी दिल्ली में एक मई को कोरोना के 25,219 केस सामने आए थे, जबकि रिकवर होने वालों की संख्या 27,421 रही. इसके बाद दो मई को 20,394 नए कोरोना केस आए जबकि रिकवर मरीजों की संख्या 24,444 हो गई. तीन मई को नए मरीज 18,043 सामने आए और 20,293 मरीज कोरोना से रिकवर हुए.
यानी मई के शुरुआती तीन दिन में 63,656 नए केस आए जबकि कोरोना को मात देने वाले मरीजों की संख्या 72, 158 रही. कोरोना के तीन दिन ये आंकड़े इसलिए राहत देने वाले हैं क्योंकि अप्रैल में एक तरफ जहां ऑक्सीजन की कमी से अस्पतालों में मरीज दम तोड़ने लगे थे वहीं दूसरी तरफ हर दिन नए मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा था.
4 मई को फिर बढ़े केस
तीन दिन संक्रमितों से ज्यादा रिकवरी केस आने के बाद हालांकि 4 मई को थोड़ा केस ज्यादा हो गए. 4 मई को 19,953 नए कोरोना केस सामने आए जबकि 338 मरीजों की मौत हुई और इस दौरान डिस्चार्ज हुए मरीजों की संख्या यानी रिकवरी करने वालों की संख्या 18,788 रही.
दिल्ली में फिलहाल कोरोना संक्रमण की दर 26.73 फीसदी हो गई है. जबकि कुल मौत का आंकड़ा 17,752 तक पहुंच गया है. वहीं, राजधानी में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 90,419 पहुंच गई है. और रिकवरी दर 91.22 फीसदी हो गई है. दिल्ली में फिलहाल कोरोना डेथ रेट 1.44 फीसदी है.
दिल्ली में ऑक्सीजन का क्या स्टेटस
बुधवार को 'ऑक्सीजन बुलेटिन' जारी करते हुए केजरीवाल सरकार ने बताया है कि दिल्ली को कल 976 मिट्रिक टन के मुकाबले 433 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली, जो कुल मांग का मात्र 44 फीसद है. इसी तरह, बीते एक सप्ताह में दिल्ली को कुल मांग के मुकाबले औसतन 40 फीसद ही ऑक्सीजन मिली है और अभी भी मांग और आपूर्ति में 56 फीसद का अंतर है.
दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि दिल्ली के 41 अस्पतालों से एसओएस कॉल आए और हमने इन अस्पतालों में 21.3 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचाकर 7142 मरीजों की जान बचाई. दिल्ली सरकार का कहना है कि टीम केजरीवाल ने ऑक्सीजन के बेहतर प्रबंधन के लिए कुछ एसओएस रिजर्व बनाए हैं, जहां से जिन अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होती है, वहां पहुंचाई जाती है.