
दिल्ली में कोरोना के मामले रोजाना बढ़ रहे हैं. इसी कड़ी में बीते 24 घंटे में एक बार फिर राजधानी में एक हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. यहां मंगलवार को कोरोना के 1414 नए केस मिले हैं. वहीं पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 5.97 फीसदी हो गया है. बता दें कि दिल्ली में सोमवार को कोरोना के 1076 मरीज मिले थे.
दिल्ली में अब 5 हजार 986 एक्टिव मामले हैं. इसके अलावा 183 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. मंगलवार को दिल्ली में 23 हजार 694 टेस्ट हुए.
इसी के साथ जानकारी मिली है कि भारत में कोरोना के XE वैरिएंट की एंट्री हो गई है. इसकी पुष्टि भारत में जीनोम सिक्वेंसिंग की निगरानी करने वाली संस्था INSACOG के वीकली बुलेटिन में की गई है. INSACOG के बुलेटिन में बताया गया है कि देश में XE वैरिएंट का एक केस आ चुका है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, XE वैरिएंट ओमिक्रॉन के ही सब-लीनेज BA.1 और BA.2 से मिलकर बना है. इसे BA.2 की तुलना में 10% ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है. XE वैरिएंट का पहला केस इसी साल 19 जनवरी को यूके में मिला था.
सब वैरिएंट BA.2 ज्यादा संक्रामक
दुनियाभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. भारत में भी अब इसके कई मामले नजर आ रहे हैं. दिल्ली में पिछले कई दिनों से कोरोना के मामलों में उछाल देखने को मिल रही है. इस बार ओमिक्रॉन और उसके सब-वैरिएंट ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. ओमिक्रॉन की तुलना में इसका सब वैरिएंट BA.2 ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है.
CDC ने इसे ओमिक्रॉन के मूल रूप से 60 फीसदी ज्यादा संक्रामक बताया है. लेकिन फिर भी ये ओमिक्रॉन से अधिक गंभीर नहीं माना जा रहा है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये लंबे समय तक शरीर में बना रह सकता है. मालूम हो कि बुजुर्गों को कोरोना का ज्यादा खतरा बताया जा रहा है.
कुछ स्वास्थ्य संगठनों के मुताबिक, 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों में कोरोना का खतरा काफी ज्यादा होता है. क्योंकि 60 साल की उम्र के बाद लोगों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है. और उन्हें कई तरह की बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है.