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कोरोना: ICU बेड रिजर्व करने के मामले में दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट से मांगा 10 दिन का और समय

9 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान 33 प्राइवेट अस्पतालों की याचिका पर 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित करने के फैसले पर हाई कोर्ट ने सरकार को दोबारा विचार करने को कहा था, जिस पर मंगलवार को दिल्ली सरकार ने कोर्ट में हुई सुनवाई में अपना रुख साफ किया.

दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में दिया जवाब (सांकेतिक फोटो) दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में दिया जवाब (सांकेतिक फोटो)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 15 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:10 PM IST
  • 33 प्राइवेट अस्पतालों के 80% आईसीयू बेड रिजर्व करने का मामला
  • HC ने कहा- दिल्ली सरकार कोविड को लेकर फिर समीक्षा करे
  • इस मामले में अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी

कोरोना मरीजों के लिए 33 प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड रिजर्व करने से जुड़ी याचिका पर मंगलवार को दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. दिल्ली सरकार ने कहा कि फिलहाल शादियों का सीजन है. सर्दी भी बढ़ रही है ऐसे में अगले कुछ दिनों में दिल्ली में कोरोना के मामले दोबारा बढ़ेंगे या नहीं, सरकार इस पर कोई बयान नहीं दे सकती.

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अगले 10 दिन के बाद ही दिल्ली सरकार कोर्ट को यह साफ बताने की स्थिति में होगी कि 33 प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए आगे भी आरक्षित रखे जाएं या फिर उन्हें नॉन कोविड मरीजों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

इससे पहले 9 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान 33 प्राइवेट अस्पतालों की याचिका पर 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित करने के फैसले पर हाई कोर्ट ने सरकार को दोबारा विचार करने को कहा था, जिस पर मंगलवार को दिल्ली सरकार ने कोर्ट में हुई सुनवाई में अपना रुख साफ किया.

वहीं, इस याचिका को लगाने वाले एसोसिएशन ऑफ हेल्थ प्रोवाइडर्स की तरफ से कहा गया कि दिल्ली सरकार लगातार इस मामले को उलझाये रखना चाहती है, जिससे प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड हमेशा रिजर्व रखे जा सकें. दिल्ली सरकार अपने अस्पतालों में वो सुविधाएं क्यों नहीं मुहैया कराती जो प्राइवेट अस्पतालों में है.

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याचिकाकर्ता ने कहा क्योंकि सरकारी अस्पतालों के पास बेहतर इंतजाम नहीं हैं, इसीलिए लोग प्राइवेट अस्पतालों में आते हैं. ऐसे में अगर प्राइवेट अस्पतालों के भी 80 फीसदी आईसीयू बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे तो बाकी और मरीजों के लिए एडमिट होने की जगह कहां मिलेगी.

इधर, हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिल्ली सरकार को कहा है कि वह 20-21 दिसंबर के बीच में कोविड-19 स्थिति को लेकर दिल्ली में दोबारा समीक्षा करें,और इसको लेकर एक विस्तृत हलफनामा कोर्ट में दाखिल करें. इस मामले में अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी.

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