दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया- सितंबर में ज्यादा बढ़े कोरोना के मामले, मृत्यु दर घटी

दिल्ली में हो रहे RTPCR टेस्ट पर जैन ने कहा कि RTPCR टेस्ट काफी बढ़ गए हैं. इसमें क्षमता का कोई संबंध नहीं है, जितने भी लोग लक्षण वाले हैं, सबका RTPCR टेस्ट किया जाता है.

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कोरोना वायरस टेस्ट कोरोना वायरस टेस्ट
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST
  • जून से ज्यादा सितंबर में कोरोना के केस
  • दिल्ली के अस्पतालों में पर्याप्त कोरोना बेड
  • दिल्ली में आरटीपीसीआर जांच में आई तेजी

दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सितंबर में मामले बहुत ज्यादा आए हैं. उन्होंने कहा कि जून में जितने केस थे, उससे भी कहीं ज्यादा केस सितंबर महीने में आए हैं लेकिन उसकी तुलना में मौत के मामले एक तिहाई भी नहीं हैं.

आइसीयू बेड्स पर कोर्ट में मामला

अभी हाल में दिल्ली हाईकोर्ट ने प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड रिजर्व करने के फैसले से रोक हटाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है. इस फैसले पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि हाईकोर्ट ने स्टे नहीं लगाया है. उन्होंने अभी तक फैसला नहीं दिया है, 9 तारीख को हियरिंग है. सरकार अपनी तरफ से इसमें पूरी कोशिश कर रही है. हम कोर्ट में लड़ेंगे. सरकारी अस्पतालों में हमने आईसीयू बेड्स के इंतजाम किए हैं लेकिन काफी बड़ी संख्या में जो लोग बाहर से आ रहे हैं, वे लोग संपन्न हैं. वे दिल्ली आ रहे हैं और प्राइवेट अस्पतालों में ही जाना चाहते हैं. हमने 1000 बेड बढ़ाए हैं, 500 प्राइवेट अस्पतालों में और 500 सरकारी अस्पतालों में संख्या बढ़ाई गई है.

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RTPCR टेस्ट पर क्या कहा?

दिल्ली में हो रहे RTPCR टेस्ट पर जैन ने कहा कि RTPCR टेस्ट काफी बढ़ गए हैं. इसमें क्षमता का कोई संबंध नहीं है, जितने भी लोग लक्षण वाले हैं, सबका RTPCR टेस्ट किया जाता है. वो चाहे कंटेनमेंट जोन में हों या अस्पताल में, जहां भी रैपिड टेस्ट किया जाता है, उसमें जो भी लक्षण वाला होता है, उसका RTPCR टेस्ट होता है.

जिसमें भी लक्षण है, उसका टेस्ट होता है- जैन

केंद्र सरकार ने अभी हाल में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को रैपिड एंटीजन टेस्ट में संक्रमण मुक्त पाए गए कोरोना लक्षण वाले लोगों की अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर जांच कराने के निर्देश दिए थे. इससे बीमारी का पता चल सकेगा. इसी विषय में केंद्र सरकार की टिप्पणी पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि कैपेसिटी का मुझे अंदाजा नहीं कि वे कितना बता रहे हैं लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. फर्क इससे पड़ता है कि जिसमें भी लक्षण है, उसका टेस्ट होता है या नहीं. एक भी ऐसा आदमी नहीं मिलेगा, जो कहे कि उसका टेस्ट नहीं हो पा रहा है.

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MCD फंड विवाद

दिल्ली में MCD फंड का विवाद काफी पुराना है. फंड को लेकर  MCD दिल्ली सरकार पर आरोप लगाती रही है. इस मामले को लेकर जैन ने कहा, ''MCD वालों का पता नहीं चलता कि वे पैसों का क्या करते हैं. उन्हें तो हमें टैक्स का ही परसेंटेज देना होता है. दिल्ली सरकार का टैक्स कलेक्शन कम है, तो उसी हिसाब से हम दे रहे हैं, कम नहीं दे रहे हैं. भाजपा से MCD चल नहीं रही है, उन्हें चलाना नहीं आता है, उनको फाइनेंस मैनेज करना नहीं आता है. सबको पता है कि MCD माफिया चलाते हैं. बिल्डिंग डिपार्टमेंट का इतना बड़ा माफिया है, कई हजार करोड़ कमाते हैं वे वहां से, उसके सामने तनख्वाह तो कुछ भी नहीं है. अगर वे करना चाहें तो जनता के पैसे से कर सकते हैं.''

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